बिहार में सूखे के बीच बाढ़ का संकट, लोकसभा में उठा मामला

बिहार में सूखे के बीच बाढ़ का संकट, लोकसभा में उठा मामला

DELHI : बिहार में मानसून कमजोर पड़ने के साथ ज्यादातर जिलों में सूखे की स्थिति बनी हुई है. सूखे के संकट के कारण में किसानों की स्थिति बेहद बदतर होती जा रही है, लेकिन बिहार के कई जिले ऐसे हैं जहां बारिश नहीं होने के बावजूद बाढ़ का संकट मंडरा रहा है. इसी मामले की गूंज आज लोकसभा में सुनाई पड़ी लोकसभा में बीजेपी के सांसद और प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने बूढ़ी गंडक समेत अन्य नदियों की वजह से बिहार में मचने वाली तबाही का मामला उठाया. इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह बात सही है कि बिहार में बारिश नहीं होने के बावजूद नेपाल से पानी का जलस्तर बढ़ता है और बिहार बाढ़ का संकट झेलता है लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय मामला है बावजूद इसके सरकार इस मामले का स्थाई निदान बनाने की कोशिश कर रही है.


वहीं जेडीयू के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने भी इस मामले को आज लोकसभा में उठाया. उन्होंने कहा कि अभी डॉ संजय जायसवाल ने भी कहा कि हम बिहारवासियों को नेपाल की बारिश का असर झेलना पड़ता है. बिहार में सूखे की स्थिति है इसके बावजूद सीतामढ़ी में नेपाल से आने वाली नदियों के कारण नदियों की धारा मुड़ जाने से करीब 10-20 घर बह गए. यहां बांध का निर्माण तो हो रहा है, लेकिन, कार्यगति धीमी है. यहां नेपाल के बॉर्डर तक बांध बन चुके हैं. लेकिन अगर इसे इंडिया में पूरी तरह बढ़ाते हुए रेलवे लाइन तक बना देते हैं तो हम सैंकड़ों घरों को बहने से बचा सकते हैं. उन्होंने सवाल पूछा कि हमारे जिले की योजनाएं कब तक स्वीकृत होगी और हमरी प्रॉब्लम कब खत्म होंगी. इस पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि बिहार सरकार ने अगर इस तरह का कोई प्रपोजल भेजा तो इसकी जांच की जाएगी कि ये किस स्तर पर लंबित है.