बिहार में खाप पंचायत जैसा फैसला, विधवा ने शादी की तो गांव छोड़ने का आदेश

बिहार में खाप पंचायत जैसा फैसला, विधवा ने शादी की तो गांव छोड़ने का आदेश

MUZAFFARPUR : हरियाणा की खाप पंचायतों की तर्ज पर अब बिहार में भी पंचायतों के अजीबोगरीब फैसले देखने को मिल रहे हैं। ताजा मामला मुजफ्फरपुर जिले से सामने आया है। मुजफ्फरपुर के देवरिया कोठी स्थित चांदकेवारी पंचायत में एक अजीबोगरीब फैसला सुनाया है। यहां एक विधवा को शादी रचाने पर गांव छोड़ने का आदेश दे दिया गया है। पंचायत के फैसले को लेकर जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक धरफरी गांव में आंगनबाड़ी सेविका का काम करने वाली अनुराधा कुमारी के पति सुनील शाह की मौत 1 साल पहले हो गई थी। 3 बच्चों की मां अनुराधा पति की मौत के बाद एक युवक धर्मेंद्र कुमार के संपर्क में आ गई दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ा और बीते 16 जून को दोनों ने शादी कर ली, लेकिन पंचायत को विधवा की शादी रास नहीं आई। लिहाजा अब फरमान सुना दिया गया है कि 25 जुलाई तक दोनों गांव छोड़कर चले जाएं।


16 जून को अनुराधा और धर्मेंद्र ने पूर्वी चंपारण के केसरिया मंदिर में शादी की थी। इसके बाद मुजफ्फरपुर कोर्ट में 15 जुलाई को दोनों ने रजिस्टर्ड मैरिज भी कर लिया। दोनों साथ रहने भी लगे, लेकिन यह शादी पास पड़ोस के लोगों को रास नहीं आई। इस मामले को लेकर 17 जुलाई को गांव में ही पंचायत बुलाई गई। पंचों ने फैसला लिया कि 25 जुलाई तक दोनों दंपत्ति गांव छोड़कर चले जाएं पंचायत के फैसले के बाद तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है। सरकार गरीब परिवार की बेटी या किसी विधवा की शादी के लिए ₹51000 की आर्थिक सहायता देती है, लेकिन पंचों का यह फैसला सुनकर नीतीश सरकार भी हैरत में पड़ जाएगी।


ऐसा नहीं है कि बिहार कि गांव में पंचायतों ने पहली बार कोई चौंकाने वाला फैसला दिया हो इसके पहले इसी साल जून महीने में सकरा की गनीपुर बेझा पंचायत में एक गांव में नाबालिग दूल्हे और दुल्हन को उत्तर प्रदेश से घर बुलाकर पंचायत मिठाई और दूल्हा छोड़ने की कीमत 50,000 लगाई थी साल 2018 में भी कजरा थाना इलाके में गैंगरेप से जुड़े एक मामले को रफा-दफा करने के लिए पंचायत बुला ली गई थी पंचों ने ₹40000 लेकर पीड़िता को मामला खत्म करने का फरमान सुना दिया था हालांकि बाद में इस मामले को लेकर प्रशासन ने सख्त एक्शन लिया। अब मुजफ्फरपुर कि इससे पंचायत का फैसला सुर्खियों में है