PATNA : बिहार की राजनीतिक गलियारे से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। सूबे की सियासत में एक बार फिर से बड़ा भूचाल आ सकता है। दरअसल बिहार विधानसभा में 5 विधायकों के साथ अपनी मौजूदगी का एहसास कराने वाली ओवैसी की पार्टी AIMIM के विधायक टूट सकते हैं। फर्स्ट बिहार को सूत्रों के जरिए जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक ओवैसी के विधायकों पर लगातार दूसरे दल की नजर बनी हुई है और कम से कम चार विधायक पाला बदल सकते हैं।
इस बात की जानकारी मिलने के बाद फर्स्ट बिहार ने विधायक दल के नेता अख्तरुल इमान से बातचीत की है। AIMIM के नेता अख्तरुल इमान ने भी कबूल किया है कि उनके विधायकों को दूसरे दलों की तरफ से लगातार ऑफर मिल रहे हैं हालांकि उन्होंने भरोसा जताया है कि विधायक टूटने वाले नहीं। बावजूद इसके अख्तरुल इमान का कहना है कि छोटा दल होने की वजह से उनके विधायकों को लगातार ऑफर दिए जा रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि AIMIM के विधायक RJD के संपर्क में हैं। इन विधायकों को लगातार कई नेताओं की तरफ से ऑफर दिए जा रहे हैं। हमने इस बाबत AIMIM के दूसरे विधायकों से भी बातचीत की। उन्होंने यह जरूर कहा कि अपने भविष्य को हर कोई बेहतर बनाना चाहता है। हालांकि किसी दल से बातचीत होने की बाबत विधायकों ने कोई जानकारी नहीं दी है।
विधायक दल के नेता अख्तरुल इमान से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि 2020 में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद से ही हमारे विधायकों पर डोरे डाले जाते रहे हैं। लेकिन अब तक इसमें दूसरे दलों को सफलता नहीं मिली है। अख्तरुल इमान ने कहा कि उन्हें अपने विधायकों पर भरोसा तो है लेकिन इसके बावजूद अगर कोई गलती करता है तो आगे आने वाले दिनों में बिहार की सेक्युलर जनता उसे माफ नहीं करेगी। फर्स्ट बिहार से बातचीत में अख्तरुल इमान ने कहा है कि कोई भी सेक्युलर पार्टी AIMIM को नहीं तोड़ेगी। हमारे विधायकों को तोड़ने का मतलब यह हुआ कि आप सांप्रदायिक ताकतों को मजबूत करना चाहते हैं।
अगर राष्ट्रीय जनता दल ओवैसी के 4 विधायकों को अपने साथ लाने में कामयाब हो जाता है तो एक बार फिर बिहार विधानसभा में वह सबसे बड़े दल के तौर पर मान्यता हासिल कर लेगा। फिलहाल बीजेपी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है। मुकेश सहनी की पार्टी के 3 विधायकों के पाला बदल होने के बाद बीजेपी के विधायकों की संख्या विधानसभा में सबसे ज्यादा हो चुकी है। अगर ओवैसी के विधायक आरजेडी के साथ जाते हैं तो आरजेडी सबसे बड़े दल के तौर पर मान्यता हासिल कर लेगी। अब देखना होगा कि ओवैसी के विधायक क्या वाकई टूट जाते हैं और पाला बदलकर तेजस्वी के साथ चले जाते हैं।