PATNA : सावन के इसी महीने में बिहार के अंदर जबरदस्त सियासी खेल होने की संभावना जताई जा रही है। सियासी गलियारे में लगातार इस बात की चर्चा भी है। नीतीश और तेजस्वी की मुलाकात को लेकर जो खबरें आए उसके बाद यह तय माना जा रहा है कि बिहार में गठबंधन बदलने और सत्ता परिवर्तन का कोई खेल इस बार क्लाइमेक्स तक तो पहुंच जाएगा।
ऐसे में बड़ी खबर जनता दल यूनाइटेड के अंदर खाने से आ रही है। खबर यह है कि उन्हें अपने विधायकों और सांसदों को महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाया है। आधिकारिक तौर पर अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को पार्टी के विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाई गई है। हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसदों के साथ अलग से होने वाली इस बैठक का एजेंडा भी अब तक क्लियर नहीं किया गया है।
बिहार में मौजूदा राजनीतिक हलचल के बीच एक तरफ जहां जेडीयू के विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाए जाने की खबर है तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने भी अपने विधायकों की बैठक बुला ली है। हम के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पार्टी के विधायकों की बैठक 9 अगस्त को बुलाई गई है।
9 अगस्त की शाम पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आवास पर यह बैठक होगी। बैठक में बिहार के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य को लेकर चर्चा होनी है। हालांकि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि वह बीजेपी का साथ नहीं छोड़ने जा रही। मोर्चा के नेता दानिश रिजवान का कहना है कि वह बीजेपी और एनडीए एलाइंस के साथ बने हुए हैं।
पार्टी नेतृत्व की तरफ से विधायकों और सांसदों की बैठक बुलाए जाने की चर्चा जेडीयू के अंदर खूब हो रही है। हालांकि कोई भी विधायक अभी यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि बैठक कितने बजे बुलाई गई है। पहले चर्चा थी कि सोमवार की शाम विधायकों के साथ किसी महत्वपूर्ण मसले पर चर्चा होगी। लेकिन बाद में बैठक को मंगलवार के लिए बढ़ाने की खबर आई।
मंगलवार को ही सांसदों के साथ भी बैठक की चर्चा है। लेकिन अब तक आधिकारिक तौर पर कोई सूचना नहीं दी गई है। फिलहाल बिहार में ऐसी कोई राजनीतिक स्थिति नहीं है जिसे लेकर विधायकों की बैठक बुलाई जाए। मानसून सत्र के दौरान विधायक बैठक में शामिल हुए थे लेकिन उसके बाद ललन सिंह ने पार्टी कार्यालय में विधायकों के साथ अलग से बैठक की। और अब एक बार फिर से इन्हें बैठक को बुलाया जाना बड़े सवाल खड़े कर रहा है।