PATNA : बिहार में मुखिया का चुनाव जल्द ही होने वाला है. मुखिया के साथ-साथ सरपंच, वार्ड सदस्य, पंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों के भी चुनाव होने वाले हैं. कोरोना काल में पंचायत चुनाव को लेकर नीतीश सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. बुधवार को सीएम नीतीश की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना से कर्मी की मौत होगी तो सरकार उसके स्वजनों को 30 लाख रुपये देगी.
बुधवार को मुख्य सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में बिहार सरकार ने यह निर्णय लिया कि पंचायत चुनाव के दौरान कोरोनावायरस से कर्मी की मौत होने पर उसके परिजनों को 30 लाख रुपये दिए जायेंगे. मंत्रिमंडल के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि आम चुनाव की तरह पंचायत चुनाव में प्रतिनियुक्त कर्मी की सामान्य मृत्यु पर 15 लाख का मुआवजा दिया जाएगा. जबकि उग्रवादी हिंसा में मौत पर यह राशि 30 लाख रुपए हो जाएगी. इसी तरह स्थायी अपंगता पर साढ़े सात लाख का मुआवजा स्वजन को दिया जाएगा. यदि चुनाव के दौरान कोविड-19 होने से मौत होती है तो 30 लाख का मुआवजा दिया जाएगा.
कैबिनेट की इस अहम मीटिंग में कुल 35 एजेंडों पर मुहर लगी. मंत्रिपरिषद की इस अहम बैठक में नौकरी का पिटारा खुला है. राज्य के विभिन्न विभागों में हजारों पदों पर बहाली की स्वीकृति मिली है. गृह विभाग और स्वास्थ्य विभाग के आलावा पटना मेट्रो में भी बहाली की स्वीकृति मिली है. विभिन्न विभागों में लगभग 5800 से अधिक पदों को सृजित करने की स्वीकृति मिली है. गृह विभाग में खाली पड़े 218 पदों को भरने की स्वीकृति मिली है. आपराधिक घटनाओं की जांच को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए राजपत्रित और अराजपत्रित कोटि के कुल 218 पदों की स्वीकृति मिली है. इसके अलावा पटना मेट्रो में 188 पदों को सृजित करने की स्वीकृति मिली है.
इसके अलावा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग में मत्स्य प्रसार पदाधिकारी के 264 पदों की स्वीकृति मिली है. इसके आलावा नगर विकास एवं आवास विभाग में 4503 पदों को सृजित करने की स्वीकृति मिली है. विधि विभाग में 39 पदों को भरा जायेगा. गौरतलब हो कि बुधवार को सुबह साढ़े 11 बजे से ही देशरत्न मार्ग स्थित मुख्य सचिवालय में कैबिनेट की बैठक बुलाई गई थी.
बिहार में 1 अप्रैल यानी कल गुरुवार से बालू एक बार फिर महंगी हो जाएगी. राज्य सरकार ने बालू बंदोबस्ती की राशि 50 फ़ीसदी बढ़ाने का फैसला किया है. आज भी कैबिनेट की बैठक में 1 अप्रैल 2021 से लेकर 30 सितंबर 2021 तक के लिए बंदोबस्ती राशि 50 फ़ीसदी बढ़ाकर अवधि विस्तार करने की स्वीकृति दे दी गई है.
बंदोबस्ती राशि में 50 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा किए जाने के बाद अब यह बात लगभग तय है कि सूबे में एक बार फिर से बालू की कीमतों में इजाफा होगा. बंदोबस्त धारी जब सरकार को ज्यादा पैसे देंगे तो इसका सीधा प्रभाव ग्राहकों पर पड़ेगा. बालू की कीमतों में वृद्धि होने से रियल एस्टेट सेक्टर से लेकर अन्य तरह के निर्माण कार्य में लागत मूल्य बढ़ेगी.