PATNA : बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए नया सियासी समीकरण खड़ा करने की कोशिश शुरू हो गई है. वंचित समाज पार्टी बिहार में नए विकल्प की तरफ पहल करती दिख रही है. वंचित समाज पार्टी से जुड़े नेताओं ने कह दिया है कि बिहार की राजनीति में अब सवर्णो के साथ वंचित समाज को जोड़कर आगे बढ़ने की दिशा में काम किया जाएगा.
वंचित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रतन मंडल ने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ललित मोहन सिंह और राष्ट्रीय मुख्य महासचिव डॉ अमरनाथ सिंह की मौजूदगी में पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक की है. इस बैठक में तय किया गया है कि बिहार में ऐसे दूसरे राजनीतिक दलों के साथ मिलकर एक ऐसा मोर्चा बनाया जाए जो ना तो एनडीए के साथ हो और ना ही महागठबंधन के.
वंचित समाज पार्टी का मानना है कि बिहार में राजनीतिक विकल्प कम होने की वजह से लोग उलझन में हैं. जनता को विकल्प नहीं होने के कारण विकास के मुद्दे को छोड़कर अन्य पहलुओं के साथ समझौता करना पड़ता है. राज्य के अंदर अभी भी पलायन की बड़ी समस्या मौजूद है और बिहार के किसान मजदूर और नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं कराए गए हैं. पिछले तीन दशकों से बिहार में जितने भी शासन किया उसने कभी सामाजिक न्याय के नाम पर तो कभी सुशासन के नाम पर आम जनता के साथ छलावा किया है. वंचित समाज पार्टी के नेताओं ने तय किया है कि कोरोनावायरस का संकट जैसे ही कम होगा जमीनी स्तर पर जनता के साथ जुड़कर नए सियासी समीकरण के साथ उनकी पार्टी आगे बढ़ेगी.