PATNA : बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. मुखिया, सरपंच, जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य समेत 6 पदों के लिए एकसाथ चुनाव होने वाला है. लेकिन भारत निर्वाचन आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग की लड़ाई में बिहार का पंचायत चुनाव फंस गया है. जिसके कारण चुनाव से पहले राज्य निर्वाचन आयोग का टेंशन बढ़ गया है. अब तक पंचायत चुनाव की तारीखों का एलान नहीं हो पाया है, जिसके लिए सबसे बड़ी वजह ईवीएम की अनुपलब्धता मानी जा रही है. सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग को हाई कोर्ट से झटका लगा है.
बिहार पंचायत चुनाव में ईवीएम मशीन की अनुपलब्धता मामले में पटना हाईकोर्ट ने अगले महीने 6 अप्रैल तक सुनवाई टाल दी है. दरससल बिहार में इसबार पंचायत चुनाव में ईवीएम मशीन से वोटिंग कराने की तैयारी है लेकिन मशीन उपलब्ध नहीं होने के कारण आयोग को भारी मुश्किलों से गुरजना पड़ रहा है. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जो याचिका दायर की गई है, उसपर पटना उच्च न्यायालय ने फिलहाल सुनवाई को टाल दिया है.
गौरतलब है कि प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव में इवीएम खरीदारी के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को अभी तक अनापत्ति प्रमाण पत्र(NOC) नहीं मिला है. जिस मामले को लेकर बिहार के राज्य निर्वाचन आयोग ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है. याचिका में चुनाव आयोग के उस निर्देश को चुनौती दी गई है जिसमें सभी राज्यों के निर्वाचन आयोग के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वो ईवीएम/वीवीपैट की आपूर्ति और डिजाइन के पहले चुनाव आयोग की मंजूरी लेंगे.
गौरतलब हो कि बिहार में होने वाले पंचायत चुनाव के लिए ईवीएम की खरीदारी होनी है. जिसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर एनओसी की मांग की थी. वहीं अभी तक एनओसी नहीं मिलने के कारण ईवीएम खरीद को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है जिसके कारण चुनाव में भी देरी हो रही है.
आपको बता दें कि बिहार में पंचायत चुनाव के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने ईवीएम मशीनों की खरीदारी करने से पहले भारत चुनाव आयोग से एनओसी लेने के लिए पत्र भेजा था. लेकिन अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने से पंचायत चुनाव में देरी हो रही है. पंचायत चुनाव के लिए एक विशेष तकनीक ईवीएम मशीनों की जरूरत है, जिसे सिक्योर्ड डिटैचेबल मेमरी मॉड्यूल तकनीक कहते हैं.