बिहार में मुखिया के लिए बुरी खबर: जल्द होगा चुनाव की तारीखों का एलान, लेकिन इसबार नहीं लड़ पाएंगे इलेक्शन

बिहार में मुखिया के लिए बुरी खबर: जल्द होगा चुनाव की तारीखों का एलान, लेकिन इसबार नहीं लड़ पाएंगे इलेक्शन

PATNA : बिहार में मुखिया का चुनाव जल्द ही होने वाला है. मुखिया के साथ-साथ सरपंच, वार्ड सदस्य, पंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों के भी चुनाव होने वाले हैं. पंचायत चुनाव से पहले सैकड़ों मुखिया और वार्ड सदस्यों को करारा झटका लगा है. बिहार सरकार ने कहा है कि जल्द ही पंचायत चुनाव की तारीखों का एलान होने वाला है लेकिन इसबार कई मुखिया, सरपंच और वार्ड सदस्य चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.


शुक्रवार को बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार पंचायत चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार है. जल्द ही चुनाव की तारीखों के एलान भी हो जाएंगे लेकिन इसबार कई ऐसे मुखिया, सरपंच और वार्ड सदस्य हैं, जो चुनाव में खड़ा नहीं हो सकते. मंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने 2016 का पंचायत चुनाव लड़ने के बाद खर्च का ब्योरा जमा नहीं किया है. वे लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. विभाग की ओर से पहले भी जनप्रतिनिधियों को सूचना दी गई थी. मंत्री सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव को लेकर बिहार सरकार से जो भी सहयोग मांगेगा, बिहार सरकार उसे मुहैया कराएगी.


बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है. लेकिन जिन्होंने वर्ष 2016 के पंचायत चुनाव लड़ा था और चुनाव लडऩे के बाद उन्होंने खर्च का ब्यौरा जमा नहीं किया. ब्यौरा न देने वाले इस बार चुनाव नहीं लड़ सकते. बिहार सरकार के इस बड़े फैसले के बाद संभावित प्रत्‍याशियों और पंचायत प्रतिनिधियों में हड़कंप मचा हुआ है. उधर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2016 में निर्वाचन संबंधी आय-व्यय का ब्यौरा नहीं देने वाले जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध राज्य निर्वाचन आयोग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र प्रेषित कर वर्ष 2016 के पंचायत चुनाव के  वैसे उम्मीदवारों को चिह्नित कर उनकी सूची जारी करने का निर्देश दिया है, जिन्होंने अपने चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं दिया.


गौरतलब हो कि बीते बुधवार को मुख्य सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में बिहार सरकार ने यह निर्णय लिया कि पंचायत चुनाव के दौरान कोरोना वायरस से कर्मी की मौत होने पर उसके परिजनों को 30 लाख रुपये दिए जायेंगे. मंत्रिमंडल के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि आम चुनाव की तरह पंचायत चुनाव में प्रतिनियुक्त कर्मी की सामान्य मृत्यु पर 15 लाख का मुआवजा दिया जाएगा. जबकि उग्रवादी हिंसा में मौत पर यह राशि 30 लाख रुपए हो जाएगी. इसी तरह स्थायी अपंगता पर साढ़े सात लाख का मुआवजा स्वजन को दिया जाएगा. यदि चुनाव के दौरान कोविड-19 होने से मौत होती है तो 30 लाख का मुआवजा दिया जाएगा.