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1st Bihar Published by: Updated Fri, 08 Oct 2021 03:41:25 PM IST
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PATNA : बिहार में दुर्गा पूजा को लेकर जरूरी गाइडलाइन्स जारी कर दी गई है. खासकर इस बार पंडालों में भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी होगा. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी जिलों के जिलाधिकारी और सिविल सर्जन को दिए गए निर्देश के तहत पूजा पंडालों में दुर्गापूजा आयोजन समिति को दो गज की दूरी का पालन कराना होगा. प्रवेश द्वार के पास हाथों को सैनेटाइज करने की व्यवस्था करनी होगी.
बिहार सरकार ने कोरोना से निपटने को लेकर दुर्गा पूजा के लिए नई गाइडलाइन जारी की. इस नई गाइडलाइन में दुर्गा पूजा और मेला को लेकर साफ़-साफ़ यह लिखा गया है कि किस स्थिति में जिले के डीएम दुर्गा पूजा में पंडालों और मेला की अनुमति देंगे. सीएम नीतीश ने साफ निर्देश दिया है कि जो लोग कोरोना प्रभावित राज्यों से बिहार में आएंगे उनके लिए कोविड जांच जरूरी है. मतलब साफ है कि बिहार में जो लोग दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ के मौके पर आएंगे वह कोविड जांच जरूर कराएंगे.
त्योहारों के दौरान जुलूस और भीड़ प्रबंधन को लेकर जिले के डीएम क्या करेंगे और उनके लिए क्या मापदंड तय किया गया है. अब हम इसकी जानकारी आपको विस्तार से देते हैं. बिहार सरकार के गृह विभाग के विशेष शाखा की ओर से जारी नए आदेश के मुताबिक -
1. त्योहारों के दौरान बिहार के बाहर से आने वाले यात्रियों की बड़ी संख्या को देखते हुए और उसके कारण कोरोना के संभावित प्रसार को रोकने के लिए भीड़ प्रबन्धन और जुलूस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर आदेश निर्गत किया जाएगा.
2. जिला प्रशासन की ओर से दुर्गापूजा के अवसर पर बनने वाले पंडालों या स्थानीय मेला का परमिशन देने के लिए जिला प्रशासन को दो विशेष चीजों पर जरूर ध्यान देना होगा -
(क) संबंधित पंडाल या मेला प्रबंधक और कार्यकर्ताओं ने कोरोना के ताका की कम से कम एक डोज ली हो
(ख) पंडाल या मेला लगाने के लिए स्वीकृत किए जाने वाले स्थान की घेराबंदी की जाये. और प्रवेश द्वार पर आगंतुकों के टीकाकरण संबंधित प्रमाणपत्र की जांच की व्यवस्था की जाए.
यानी कि पूजा पंडालों के प्रबंधन और कमिटी के लोगों को कम से कम कोरोना के टीका क एक डोज लेनी जरूरी है और जो लोग मेला या पंडाल घूमने आएंगे, उनके भी कोरोना टीकाकरण के सर्टिफिकेट की जांच पंडाल के द्वार पर ही की जाएगी. सरकार ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया है.
3. स्वास्थ्य विभाग द्वारा महत्वपूर्ण पूजा पण्डालों और मेलों के स्थल पर कोविड टेस्टिंग और टीकाकरण के लिए विशेष कैम्प की व्यवस्था की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस अवधि में कोविड संक्रमण की स्थिति पर विशेष निगरानी रखी जाएगी और कोविड जांच की संख्या में निर्धारित मानकों के अनुरूप वृद्धि सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही पहले के आदेश के आलोक में वैसे राज्यों, जहाँ अभी भी कोरोना संक्रमण के ज्यादा मामले आ रहे हैं. डेल्टा प्लस वैरिएण्ट के मामले सामने आ रहे हैं. प्लेन, रेल, ट्रकों और अन्य वाहनों के माध्यम से राज्य में प्रवेश करने वाले यात्रियों की अनिवार्य रूप से राज्य की सीमाओं रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर रैपिड एण्टीजन टेस्ट के माध्यम से जाँच कराई जाएगी. जिनके पास पिछले 72 घंटे का RTPCR निगेटिव जाँच रिपोर्ट उपलब्ध होगा, उनको जांच कराने की जरूरत नहीं होगी.
विभाग ने निर्देश दिया है कि पूजा पंडालों के समीप कोरोना जांच और टीका को लेकर मेडिकल टीम की तैनाती करें. आयोजकों को भी कोरोना जांच कराने और टीका लेने को कहा गया है. इस बार दुर्गापूजा में मेला का आयोजन नहीं किया जाएगा. इस मौके पर डीजे बजाने की भी अनुमति नहीं दी जाएगी. लाउडस्पीकर की संख्या निर्धारित कर ही अनुमति दी जाएगी.
नदियों में नावों का परिचालन प्रतिबंधित रहेगा. मूर्तियों का विसर्जन भी अस्थायी/ कृत्रिम तालाब में होगा, नदियों में नहीं होगा. पटना में रावणवध कार्यक्रम को गांधी मैदान में आयोजित करने पर पाबंदी लगा दी गयी है और इसे सीमित स्तर पर कालीदास रंगालय में करने और उसकी लाइव वेबकास्टिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. मूर्ति विसर्जन स्थल पर लाइट, एम्बुलेंस, मेडिकल टीम और दंडाधिकारी की तैनाती की जाएगी.