बिहार में दो से अधिक बच्चे वाले नहीं लड़ पाएंगे पंचायत चुनाव, नीतीश सरकार का बड़ा एलान

बिहार में दो से अधिक बच्चे वाले नहीं लड़ पाएंगे पंचायत चुनाव, नीतीश सरकार का बड़ा एलान

PATNA : उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने रविवार को जनसंख्या नियंत्रण विधेयक पास किया. बिहार में भी अब जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर सियासत तेज हो गई है. पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने एक बड़ा बयान दिया है. मंत्री ने कहा है कि बिहार में ग्राम पंचायत के चुनाव में भी नीतीश सरकार नया नियम बनाने जा रही है. दो से अधिक बच्चे वाले बिहार में ग्राम पंचायत का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. इतना ही नहीं मंत्री ने यहां तक कह दिया कि दो से अधिक बच्चे वालों को बिहार सरकार के अन्य योजनाओं और फैसिलिटी से भी वंचित रखना चाहिए. 



मंगलवार को बिहार सरकार में पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि 'बिहार में दो से अधिक बच्चे वालों को  नगर निकाय का चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है. बिहार में ये व्यवस्था पहले से लागू है. अब सरकार इस नियम को पंचायतों तक ले जाना चाहती है. पंचायत चुनाव में भी दो से अधिक बच्चे वाले चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. नगर पंचायत की तरह उन्हें ग्राम पंचायत चुनाव भी लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसपर अभी काम चल रहा है.'


मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि 'जब ये भी ये नियम बनेगा. तो कानून लागू होने में एक साल लगेगा. एक साल बाद ही यह प्रभावशाली होगा. साल 2026 के लिए तैयारी की जाएगी. लेकिन ये स्पष्ट है कि देश में अब इस तरह का कानून बनाने की बहुत आवश्यकता है. लोग पढ़ लिख रहे हैं. शिक्षित हो रहे हैं. आर्थिक स्थिति और प्रजनन दर भी पहले से सुधरा है. जो लोग शिक्षित होते हैं, उनका प्रजनन दर दो से अधिक नहीं होता है. बिहार में भी हर हालत में इस तरह की व्यवस्था करनी पड़ेगी.'



सम्राट चौधरी ने कहा कि 'बिहार ऐसा पहला राज्य है, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस नियम को सबसे पहले लागू किया है. ग्रामीण इलाकों में चुकी शिक्षा का आभाव है. इसलिए इस नियम को ग्राम पंचायत के चुनाव में लागू नहीं किया गया. लेकिन अब ग्राम पंचायत में भी इसे लागू किया जायेगा.' इतना ही नहीं मंत्री ने तो ये भी कह दिया कि 'बिहार सरकार के अन्य लाभकारी योजनाओं से, फैसिलिटी से वैसे लोगों को वंचित किया जाये, जिनके दो से अधिक बच्चे हैं."


गौरतलब हो कि बीते दिन सोमवार को 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में सीएम नीतीश ने कहा कि "जनसंख्या नियंत्रण को लेकर केवल कानून बनाकर नहीं बल्कि महिलाओं को पूरी तरह शिक्षित करके ही प्रजनन दर को कम किया जा सकता है. कोई भी प्रदेश जो करना चाहे वो करे. लेकिन हमारी सोच है कि सिर्फ जनसंख्या नियंत्रण के लिए अगर आप केवल कानून बनाकर उसका उपाए करना चाहेंगे. यह संभव नहीं है."


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे कहा कि "किसी भी देश को देख लें, क्या स्थिति है. हम समझते हैं कि जब महिलाएं पूरी तरह पढ़ी-लिखी होंगी तो खुद प्रजनन दर घटेगी. बिहार में लड़कियों की शिक्षा पर हम लोगों ने जो विशेष ध्यान दिया है. उसका रिजल्ट अब दिखने लगा है. बिहार में प्रजनन दर चार के ऊपर था, जोकि घटते-घटते अब तीन के पास पहुंच गया है. हम समझते हैं कि 2040 तक यह स्थिति नहीं रहेगी और उसके बाद प्रजनन दर खुद ही घटने लगेगी. हम लोग इसी योजना पर काम कर रहे हैं."


सीएम नीतीश ने आगे कहा कि "बहुत से लोगों को लगता है कि केवल कानून बना देंगे और उससे जनसंख्या पर नियंत्रण हो जाएगा. वह उनकी सोच है. हमारी सोच है कि सिर्फ कानून से नहीं बल्कि महिलाओं का पढ़ा लिखा होना सबसे ज्यादा जरूरी है. ऐसे कई उदाहरण हैं कि पढ़े-लिखे लोग भी कई बच्चे पैदा करते हैं. ये सबकी अपनी-अपनी सोच है. समान नागरिक सहिंता को लेकर नीतीश ने कहा कि सिर्फ यही कानून क्यों बल्कि शराबबंदी भी देशभर में होनी चाहिए."