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1st Bihar Published by: Updated Mon, 02 Mar 2020 03:35:40 PM IST
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PATNA : बिहार में इन दिनों शिक्षा व्यवस्था की कमर टूट गई है. बच्चों के भविष्य को लेकर गार्जियन चिंता जता रहे हैं. दो हफ्ते से नियोजित शिक्षक और एक हफ्ते से नियामत टीचर हड़ताल पर बैठे हैं. सूबे के 7 हजार से ज्यादा स्कूलों में ताले लटके हैं. पेंडुलम की तरह लटके तालों को बच्चे निहार रहे हैं कि कब स्कूल खुलेगा और दरवाजे के खुलते ही उनके जीवन पर शिक्षा की रोशनी पड़ेगी. लेकिन सरकार और शिक्षकों के बीच ठनी इस लड़ाई में बच्चों के सपने महज कल्पना सी है.
कॉल रिकार्डिंग में बड़ा खुलासा
बिहार के औरंगाबाद से एक ऐसा मामला सामने आया है. जिसने शिक्षा विभाग के अंदर रिश्वतखोरी और दलाली के चिकने कलई की परतों को खोल दिया है. औरंगाबाद के डीईओ ऑफिस में पोस्टेड एक सरकारी अफसर राजेश मोहन और मास्टर जी की कॉल रिकार्डिंग सामने आई है. जिसमें सिर्फ और सिर्फ सरकारी तंत्र को निर्वस्त्र करने जैसी बातें ही की गई हैं. क्योंकि APO राजेश मोहन साहब ने टीचर के सामने सांसद से लेकर विधायक तक का खेल सामने ला दिया. ट्रांसफर और पोस्टिंग से लेकर प्रमोशन तक, सब का सच सामने लेकर पटक दिया.
निगरानी विभाग का भी कोई असर नहीं
फर्स्ट बिहार झारखंड इस बात की पुष्टि नहीं करता कि यह वायरल कॉल रिकार्डिंग कब की है. लेकिन दावा किया जा रहा है कि यह हाल ही में हुआ है. क्योंकि इसमें मिथलेश नाम के एक अफसर को जून में DEO बनने की बात की गई है. इस कॉल रिकार्डिंग में शिक्षकों और अधिकारियों की बैठक से लेकर सेटिंग तक की बात की जाती है. शिक्षक अधिकारी से लेनदेन की बात खुलकर पूछ रहे हैं. इसपर अधिकारी यह कहता हुआ सुनाई दे रहा है कि कोई असर नहीं पड़ने वाला है. लेनदेन चालू है. निगरानी का भी कोई असर या डर नहीं है. प्रधान सचिव से लेकर प्रशासन सब अपने हैं. के हटा देगा.
क्या है MLA और MP का सीन
शिक्षक और अधिकारी की कॉल रिकार्डिंग में विभाग की काली करतूत ही नहीं बल्कि सांसद और विधायक की भी चर्चा की गई है. बातों ही बातों में अधिकारी यह कहता है कि 'सुशील सिंह (सांसद) का 10 दिन पहले एक कॉल आया था. उनका भी काम हो गया. कोई मिथलेश सिंह नाम के किसी अफसर (जो डीईओ बनने वाला है) ने उस काम को किया. इतना ही नहीं रफीगंज MLA भी फोन किया था. उसका भी काम तुरंत हो गया. उसने कहा था कि BRP को हटा दीजिये और मेरा आदमी रखिये. तुरंत रफीगंज विधायक की बात को मानकर लेटर निकाल दिया गया. ई सुशील सिंह भी है डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन, बस पैसा फेंकिए और तमाशा देखिये.
कौन है रसूखदार अफसर मिथलेश सिंह
इस वायरल कॉल रिकार्डिंग में एक खास अफसर मिथलेश सिंह की चर्चा कई बार की गई है. उनकी रसूखदारी के कसीदे पढ़े गए हैं. अफसर यह कह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि 'मिथलेश सिंह बोल रहे थे कि औरंगाबाद छोड़कर जून में वो चले जायेंगे. कह रहे थे कि इसबार DEO बनने का मामला है. डीएम एतना बां**** किया कि मेडिकल लीव पर चले गए. अगला साल रिटायर भी करेंगे. (मिथलेश) अकेले चला लेगा. (शिक्षा विभाग को) दलाल से चलाना है.'
क्या होगी कार्रवाई ?
फर्स्ट बिहार झारखंड इस वायरल ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है. लेकिन सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं. इस ऑडियो क्लिप से औरंगाबाद जिला शिक्षा कार्यालय में घूसखोरी और भ्रष्टाचार की स्थिति का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. क्या सच में ऐसा है. अगर ऐसा है तो क्या यह माना जाये कि जिले में शिक्षा व्यवस्था को दलाल हैंडल कर रहे हैं. मामला सामने आने के बाद इस बात की भी लोग चर्चा कर रहे हैं कि जिले के वरीय अधिकारियों को इस मामले पर संज्ञान लेकर दोषियों के ऊपर आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए.