बिहार में स्कूल खोलने को लेकर बड़ा फैसला, जानिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्या डिसीजन लिया

बिहार में स्कूल खोलने को लेकर बड़ा फैसला, जानिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्या डिसीजन लिया

PATNA : शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी जिलों के डीएम के साथ कोरोना को लेकर समीक्षा बैठक की. इस बैठक में सीएम ने स्कूल खोलने को लेकर बड़ा फैसला लिया. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाहर से बिहार आने वाले लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री की जानकारी रखें और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को भी सचेत करें. साथ ही कोरोना टीकाकरण की रफ्तार को और बढ़ायें. 


मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी स्कूल खुले रहेंगे और बच्चों की पढ़ाई जारी रहेगी. स्कूलों में सभी जरुरी सुविधाओं का ख्याल रखा जाय. लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति सचेत रहने की जरुरत है. सीएम ने कहा कि बिहार में अभी वैसी स्थिति नहीं है कि स्कूलों को बंद किया जाये. सभी लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन करें. मास्क का प्रयोग अवश्य करें.  कोरोना की कम से कम 70 प्रतिशत RTPCR जांच होनी चाहिए. RTPCR जांच की रिपोर्ट 24 घंटे के अंदर मिल जानी चाहिए, इसमें देरी नहीं होनी चाहिए. 


बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढे हैं. बिहार के लोग पूरे देश में रहते हैं. होली के दौरान देश के विभिन्न शहरों से लोग बिहार आ रहे हैं. सीएम ने कहा कि ट्रेन, बस, एयरोप्लेन से आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखने की जरूरत है. कभी-कभी एक ही परिवार के लोग बाहर से आते हैं और उनके संपर्क में आने से कई लोग इन्फेक्टेड हो जाते हैं. 


सीएम ने कहा कि कोरोना कि कम से कम 70 प्रतिशत जांच आरटीपीसीआर से होनी चाहिए. इसकी जांच रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर मिल जानी चाहिए. इसमें देरी नहीं होनी चाहिए. किसी भी पर्व, पार्टी का कार्यक्रम में सिमित संख्या में ही लोग शामिल हों और कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पापाल करें. अधिकारियों को सीएम ने निर्देश दिया कि बिहार में कोरोना टीकाकरण की रफ़्तार और बढ़ाएं. सभी हेल्थ वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और पुलिसकर्मियों का टीकाकरण तेजी से करायें, इससे कोई भी वंचित न रहे। सभी पेंशनधारियों का भी टीकाकरण अवश्य करवायें.


सीएम के साथ बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि 19 मार्च तक कुल 23,058,747 जांच किये गए हैं. बिहार में 10 लाख की आबादी पर 1,80,570 जांच किये जा रहे हैं, जिसमें कुल  2,63,355 पॉजिटिव केस हैं. जबकि कुल एक्टिव केसों की 436 है. राष्ट्रीय स्तर पर औसत रिकवरी रेट 96.26 प्रतिशत  है, जबकि बिहार का औसत रिकवरी रेट 99.24% है. राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु दर 1.38 प्रतिशत है जबकि बिहार में मृत्यु दर 0.59 प्रतिशत है. राष्ट्रीय स्तर पर डेली टेस्ट पॉजिटिविटी रेट का औसत 3.2 प्रतिशत है जबकि बिहार का 0.1 प्रतिशत है. 


प्रधान सचिव ने आगे बताया कि माइक्रो कंटेनमेंट जोन में 100% जांच कराने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही सभी जिलों के कंट्रोल रुम एक्टिव मोड में है और स्थितियों पर नजर रखी जा रही है. उन्होंने आगे बताया कि कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए सारी तैयारियां की गई हैं. बाहर से बिहार आने वाले लोगों का रैंडम जांच किया जा रहा है. पंचायत में माइकिंग से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. 


इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद सीएम नीतीश ने कहा था कि विभिन्न राज्यों में पहले की तुलना में कोरोना संक्रमण की रफ़्तार तेजी से बढ़ी है. बिहार सरकार कोरोना को लेकर सतर्क हैं. होली के अवसर पर लोग विशेष तौर पर अपने घर जाते हैं. इसलिए ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है. स्कूल और कॉलेज को लेकर सीएम नीतीश ने कहा कि सरकार कोरोना को लेकर सतर्क हैं. अभी स्कूल और कॉलेज चलेंगे. यानी कि सीएम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल विद्यालयों और महाविद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई जारी रहेगी.