PATNA : बिहार में बाढ़ से लगातार गंभीर होती जा रही स्थिति से निपटने के लिए बिहार सरकार ने सेना से मदद मांगी है. सूबे के बाढ प्रभावित इलाकों में राहत का काम तेज करने के लिए एयरफोर्स से हेलीकॉप्टर मांगे गये हैं. सरकार की ओर से मिल रही जानकारी के मुताबिक एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर आज पटना पहुंच जायेंगे
हेलीकॉप्टर से गिराये जायेंगे फूड पैकेट
दरअसल बिहार के 10 जिलों में बाढ कहर ढ़ा रहा है. अब तक तकरीबन दस लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में कई ऐसे जगह हैं जहां ज्यादा पानी होने के कारण बाढ़ राहत सामग्री पहुंचाने में परेशानी हो रही है. लिहाजा राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से संपर्क साधा है. केंद्र सरकार ने तत्काल मदद का भरोसा दिलाया है. उम्मीद है कि वायु सेना के हेलीकॉप्टर शनिवार को पटना पहुंच जायेंगे.
उधर सरकार ने दावा किया है कि बाढ़ पीड़ितों की मदद में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है. बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्रुडु ने बताया कि बाढ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात है और पानी से घिरे लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा रहा है. सूबे में अब तक 192 सामुदायिक किचेन बनाए गए हैं जहां से 81 हजार लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. सरकार ने 28 जगहों पर राहत शिविर भी लगाया है.
गंडक का बांध तीन जगह टूटा
दो दिन पहले गंडक नदी में चार लाख 36 हजार घनसेक पानी आया तो सारण और चम्पारण तटबंध तीन जगह टूट गया. इसके साथ ही कई जगहों पर पानी बांध के ऊपर से बहने लगा. हालांकि शुक्रवार को गंडक में पानी कम हुआ और वाल्मीकि नगर बराज से गंडक में दो लाख 42 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. जल संसाधन विभाग ने उम्मीद जतायी है कि अगले दो दिनों में पानी उतर जायेगा.
इंजीनीयर पर कार्रवाई
गंडक नदी में पानी के दबाव के कारण तटबंध में दरार आने के बावजूद जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता मोबाइल स्वीच ऑफ करके बैठे थे. विभाग ने मोबाइल बंद रखने के आरोप में मोतिहारी के कार्यपालक अभियंता को निलंबित कर दिया है. शुक्रवार को जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, विभाग के सचिव संजीव हंस और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे कर स्थिति की जानकारी ली. मंत्री संजय झा ने बताया कि मौसम खराब होने के कारण हेलीक़ॉप्टर कहीं लैंड नहीं कर पाया लेकिन उपर से इतना जरूर दिखा कि गंडक ने इस बार नया रिकार्ड बनाया है. मंत्री ने कहा कि गंडक के रिकार्ड जलस्तर के बावजूद जान- माल की क्षति नहीं हुई है.
कम हो रहा है नदियों का जलस्तर
उधर नेपाल में बारिश रूकने के बाद बिहार में नदियों का जल स्तर कम होने लगा है. कोसी और गंडक नदी में पानी का डिस्चार्ड काफी कम हो गया है. हालांकि कई नदियां अभी भी खतरे के निशान से उपर बह रही हैं. पटना के पास पुनपुन नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया है. पटना के श्रीपालपुर में पुनपुन लाल निशान से तीन सेमी नीचे बह रही है. गंगा नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से काफी नीचे है. हालांकि बागमती नदी अभी भी मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी और दरभंगा के कई स्थानों पर खतरे के निशान से उपर है.
उधर बूढी गंडक नदी का उफान भी पूरी तरह नहीं थमा है. समस्तीपुर के रोस़ड़ा में बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से सवा मीटर उपर थी. कमाल बलान, लालबकेया, महानंदा जैसी नदियों का जलस्तर भी खतरे के निशान से उपर है.