बिहार में अगले साल फिर होगा चुनाव, नवगठित 117 नगर पंचायत और नगर पर्षद के प्रतिनिधि चुने जायेंगे

बिहार में अगले साल फिर होगा चुनाव, नवगठित 117 नगर पंचायत और नगर पर्षद के प्रतिनिधि चुने जायेंगे

PATNA : बिहार के सभी नवगठित 117 नगर पंचायत और नगर पर्षद के लिए अगले साल 2022 में एक साथ चुनाव कराने की तैयारी हो रही है. साल 2022 के जुलाई-अगस्त तक बाकी के सभी नगर निकायों का चुनाव कराया जायेगा. सरकार की ओर से इसकी पूरी तैयारी की जा रही है.


नवगठित 117 नगर पंचायत के लिए वार्ड के गठन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. बताया जा रहा है कि दो से तीन महीने में वार्डों का गठन हो जायेगा. वार्डों के गठन से संबंधित कार्य नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी को सौंपा गया है. कार्यपालक पदाधिकारी की लिस्ट को डीएम के स्तर से होते हुए यह विभाग के पास अंतिम मंजूरी के लिए आयेगा.


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक हजार से 1200 की आबादी पर एक वार्ड का गठन होगा.  इसके अलावा इन सभी नये नगर निकायों में लिपिक, लेखापाल, सफाई निरीक्षक, डाटा इंट्री ऑपरेटर समेत अन्य सभी कर्मियों के बहाली की प्रक्रिया जल्द शुरू की जायेगी. सफाईकर्मियों समेत अन्य संसाधनों की आपूर्ति एजेंसी के माध्यम से होगी. इसके लिए एजेंसी चयन की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने जा रही है.


गौरतलब हो कि बिहार में ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई है. जिले में दस चरणों में पंचायत चुनाव कराया जाएगा. एक सप्ताह के अंदर जिले में ईवीएम भी उपलब्ध हो जाएगा. इसके बाद एफएलसी का कार्य शुरू करा दिया जाएगा. एफएलसी के बाद ही चुनाव प्रक्रिया में इसका उपयोग किया जाना है.


पिछले सप्ताह ही आयोग ने मतदान अधिकारियों और मतदाताओं के लिए गाइडलाइन जारी कर चुका है. आयोग ने पंचायत चुनाव से संबंधित अधिकारियों को मतदान केंद्रों पर कोविड के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा है. राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला प्रशासन को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि चुनाव में इस बात का खासा ध्यान रखा जाए कि कोई भी उम्मीदवार किसी भी राजनीतिक दल के झंडे का इस्तेमाल नहीं करेगा. ना ही राजनीतिक दलों के बैनर का इस्तेमाल करेगा. 


निर्वाचन आयोग ने यह भी निर्देश जारी करते हुए कहा है कि किसी भी सरकारी दफ्तर में या भवन की दीवारों पर कोई बैनर पोस्टर नहीं चिपकाया जा सकता है. चुनाव में अगर राजनीतिक दलों की भागीदारी या उसका सीधा संबंध अगर उम्मीदवारों के लिए साबित होता है तो उम्मीदवारी रद्द की जा सकती है. कोई भी उम्मीदवार अगर कही भी कार्यालय खोलता है तो उसकी सारी जानकारी जिला निर्वाचन पदाधिकारी को देगा ताकि उसकी पूरी सूचना रहे.