PATNA : बिहार में अब नंबर प्लेट घोटाला सामने आ रहा है. पटना डीटीओ ऑफिस ने जो कारनामा किया है वह बता रहा है कि रजिस्ट्रेशन के नाम पर यहां बड़ा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है. कोई भी गाड़ी चाहे वह टू व्हीलर हो या फोर व्हीलर उसका नंबर यूनिक होता है, लेकिन पटना डीटीओ ऑफिस से जिन गाड़ियों को अलॉट किया गया है उनमें दो अलग-अलग गाड़ियों का नंबर एक है. बाइक का नंबर लग्जरी कार को दे दिया गया है. इस पूरे खेल में बड़े गड़बड़ झाले के संकेत मिल रहे हैं.
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब कई अलग-अलग केस की स्टडी की गई. पटना डीटीओ ऑफिस का चक्कर लगाने वाले लोग खुद अपनी आप बीती सुना रहे हैं. नंबर प्लेट घोटाले की कहानी सुनाने वाले सूर्यनाथ ठाकुर ने बताया कि उन्होंने 2017 में पैशन प्रो बाइक खरीदी. एजेंसी ने 24 नवंबर 2017 को रजिस्ट्रेशन करा कर दे दिया, एक दिन अचानक ऑनलाइन नंबर चेक किया तो वह नंबर नहीं दिखा फिर इसके बाद एजेंसी से लेकर डीटीओ ऑफिस तक का चक्कर लगाना शुरू किया जांच के क्रम में पता चला कि उनकी गाड़ी का इंजन और चेसिस नंबर किसी और रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ जुड़ा हुआ है.
सुखबीर सिंह ने अपाचे मोटरसाइकिल दो हजार अट्ठारह में खरीदी. एजेंसी ने 31 जनवरी 2018 को रजिस्ट्रेशन करा कर दे दिया. 1 साल बाद जब पॉलूशन और इंश्योरेंस के लिए गए तो पता चला उनकी बाइक का नंबर किसी क्रेटा कार के नंबर को शो कर रहा है. उसके बाद से लगातार एजेंसी और जिला परिवहन कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. इसी तरह 2019 में टीवीएस जूपिटर स्कूटी खरीदने वाली भूमि कुमारी को उल्टा रजिस्ट्रेशन कार्ड मिला तो वह हैरान रह गई पिकअप वैन कार रजिस्ट्रेशन कार्ड उन्हें परिवहन कार्यालय ने भेज दिया. सोनी कुमारी की पैशन प्रो बाइक का नंबर स्पोर्ट्स कार इको स्पोर्ट्स का नंबर बता रहा है
इस बड़ी गड़बड़ी के पीछे कोई बड़ा खेल है, इस बात की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. परिवन विभाग की ऑफिस में यह कारनामा नया नहीं है. लेकिन सबसे बड़ी मुश्किल उन लोगों के सामने है जो बाइक खरीद कर कार के मालिक बन बैठे हैं और यह सब कुछ डीटीओ कार्यालय ने कर दिखाया है.