Bihar Crime News: बिहार में मामूली बात को लेकर खूनी संघर्ष, पीट-पीटकर युवक की हत्या, दो घायल Bihar News: बिहार प्रशासनिक सेवा के इस अफसर के खिलाफ होगा एक्शन ! भू-अर्जन से जुड़ा है मामला.... Bihar Island: थाईलैंड को टक्कर देता है बिहार का यह अनोखा आइलैंड, यहां घूमने आते हैं देश-विदेश के पर्यटक Cricket: क्लीन बोल्ड करने के मामले में यह भारतीय गेंदबाज सबसे आगे, कुंबले और कपिल देव को भी पछाड़ा Illegal Immigrants: रोहिंग्या और बांग्लादेशियों पर और सख्त हुई सरकार, अब यहां बनाए गए 4 डिटेंशन सेंटर INDvsENG: ICC के इस नियम से गुस्सा हुए इंग्लैंड के कप्तान, कहा "इन्हें कॉमन सेंस की जरुरत" Bihar Flood Alert: बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा, खोले गए फरक्का बराज के सारे गेट Bihar Crime News: बिहार में सरपंच की गोली मारकर हत्या, पुलिस छापेमारी में जुटी Bihar Weather: बिहार में अगले 7 दिन बारिश का तांडव, इन जिलों के लोगों को बरतनी होगी विशेष सावधानी बगहा में खाद की किल्लत से नाराज़ किसानों ने NH-727 पर किया चक्का जाम, प्रशासन से मांगा समस्या का समाधान
1st Bihar Published by: mritunjay Updated Wed, 15 Feb 2023 03:17:48 PM IST
- फ़ोटो
ARWAL: बिहार के अरवल में मैट्रिक परीक्षा के दौरान छात्र को शौचालय में बंधक बनाने का मामला सामने आया है। घटना करपी प्रखंड के इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय करपी परीक्षा केंद्र की है। जहां परीक्षा के पहले दिन दूसरी पाली में परीक्षार्थियों को शौचालय में 6 घंटे तक बंधक बनाया गया। वही अरवल बालिका उच्च विद्यालय में एक छात्रा को फर्जी छात्र बताकर परीक्षा से वंचित कर दिया गया। विद्यालय में तैनात मजिस्ट्रेट के द्वारा छात्रों की जांच की जा रही थी। इसी दौरान मजिस्ट्रेट ने छात्र को स्कॉलर बताकर उसे परीक्षा हॉल से बाहर निकाला और शौचालय में बंद कर दिया। छात्र ने अपना आधार कार्ड और एडमिट कार्ड दिखाया लेकिन मजिस्ट्रेट ने उसकी एक न सुनी और शाम 7 बजे तक शौचालय में ही बंद रखा। जिसके बाद परीक्षा समाप्त होते ही छात्र के परिजन ढूंढने लगे काफी देर बाद जब बाहर निकला तो छात्र ने पूरे घटना की आपबीती सुनाई जिसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया।
मजिस्ट्रेट की मनमानी के कारण छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया छात्र ने बताया कि उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया कई बार एडमिट कार्ड और आधार कार्ड दिखाते रहा लेकिन उसे परीक्षा हॉल से बाहर कर दिया गया। दरअसल शहर तेलपा का रहने वाला नीतीश कुमार परीक्षा देने के लिए करपी हाईस्कूल परीक्षा केंद्र पर पहुंचा था परीक्षा शुरू होने से पहले उसे परीक्षा हॉल में प्रवेश कराया गया आधे घंटे तक छात्र परीक्षा दिया इसके बाद मजिस्ट्रेट जांच करने पहुंचे जांच के दौरान एक शिक्षक उसके साथ मौजूद थे जिन्होंने कहा कि छात्र फर्जी है जिसके बाद मजिस्ट्रेट ने छात्र को उठाया और शौचालय में बंद कर दिया। शौचालय के अंदर से छात्र चीखते चिल्लाते रहे लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। घटना की जानकारी मिलने के बाद परिजन सुबह करपी थाना पहुंचे और मजिस्ट्रेट के खिलाफ मामला दर्ज कराने की गुहार लगाई लेकिन थाना अध्यक्ष ने परिजनों को डीएम से मिलने की बात कही जिसके बाद परिजन छात्रों को लेकर डीएम से मिलने समाहरणालय पहुंचे। हालांकि डीएम से परिजनों की मुलाकात नहीं हो पाई लेकिन परिजनों ने स्थापना शाखा में आवेदन दिया है।
मजिस्ट्रेट के द्वारा मैट्रिक परीक्षा में मजिस्ट्रेट की मनमानी से 4 मासूम बच्चे 6 घंटे तक शौचालय में चीखते चिल्लाते रहे अपनी भविष्य की गुहार लगाते रहे लेकिन छात्रों की पीड़ा ना तो सेंटर में तैनात केंद्र अधीक्षक समझ पाए और ना ही मजिस्ट्रेट इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों को जब शाम 7:00 बजे शौचालय के दरवाजा खोलकर बाहर निकाला गया होगा तो उनकी स्थिति कैसी होगी। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या मजिस्ट्रेट किसने अधिकार दिया कि छात्रों को शौचालय में बंधक बनाया जाए।