PATNA: बिहार में राज्य सरकार और राजभवन के बीच बढ़ते टकराव का असर लगातार दिखने लगा है. राज्य के आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति ने कुलाधिपति यानि राज्यपाल के आदेश को धत्ता बताकर अपने परीक्षा नियंत्रक को रजिस्ट्रार का चार्ज दे दिया है. नाराज राजभवन ने आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति को कड़ा पत्र लिखा है.
राजभवन ने शनिवार को आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (एकेयू) के कुलपति से स्पष्टीकरण मांगा है कि कुलाधिपति के आदेश की अवहेलना करते हुए परीक्षा नियंत्रक राजीव रंजन को फिर से रजिस्ट्रार का अतिरिक्त प्रभार क्यों सौंपा दिया गया है. राजभवन ने कहा है कि 4 दिनों के अंदर राजीव रंजन तो रजिस्ट्रार के अतिरिक्त प्रभार से हटाया जाए. राज्यपाल के प्रमुख सचिव रॉबर्ट एल चोंगथु की ओर से लिखे गये पत्र में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी में नियमित रजिस्ट्रार की नियुक्ति तक इस पद का प्रभार किसी दूसरे क्षम व्यक्ति को दिया जा सकता है.
चार साल पहले दिया गया था आदेश
राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंगथु ने लिखा कि साफ तौर से पता चलता है कुलाधिपति ने मई 2019 में जो आदेश दिया था उसका अनुपालन दो साल के बाद किया गया था. कुलाधिपति के निर्देश के बावजूद यूनिवर्सिटी ने राजीव रंजन को अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करने के लिए कोई आदेश पारित नहीं किया. चोंगथु ने अपने पत्र में लिखा है कि 30 अप्रैल, 2021 को चांसलर सचिवालय ने इस मामले में देरी के मद्देनजर खामियों के लिए AKU के कार्यवाहक वीसी से फिर से स्पष्टीकरण मांगा था. कुलाधिपति ने राजीव रंजन से संबंधित पूरे मामले पर विचार करते हुए 2019 में ही रजिस्ट्रार के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करने का निर्देश दिया था.
वीसी, रजिस्ट्रार सब अतिरिक्त प्रभार में
बता दें कि बिहार के तकनीकी संस्थानों के संचालन के लिए आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी थी. लेकिन ये यूनिवर्सिटी लगातार कामचलाऊ व्यवस्था के तहत चल रहा है. ये यूनिवर्सिटी 20 सितंबर, 2020 से नियमित वीसी के बिना है और तब से यहां का काम अतिरिक्त प्रभार के सहारे चल रहा है. एलएन मिथिला विश्वविद्यालय के वीसी एसके सिंह जून 2021 से एकेयू के वीसी का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं. एसी सिंह का कार्यकाल इस महीने के अंत में पूरा हो जायेगा लेकिन एकेयू के लिए नियमित वीसी नहीं मिला.
खास बात ये भी है कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के वीसी पद पर नियुक्ति के लिए तीन बार विज्ञापन निकाला गया और तीनों बार उसे रद्द करना पड़ा. वीसी की नियुक्ति के लिए पहले 19 सितंबर, 2020 और बाद में 14 जनवरी, 2021 को विज्ञापन निकाला गया था. जनवरी 2022 में जारी तीसरा विज्ञापन निकाला गया. पिछले महीने इसे रद्द कर दिया गया और नया विज्ञापन जारी किया गया.
इस यूनिवर्सिटी का प्रभार संभाल रहे एसपी सिंह सत्ता के गलियारे में अपने रसूख के लिए जाने जाते हैं. वीसी के रूप में एसपी सिंह के कार्यकाल के दौरान, बिहार विधानमंडल ने उनके पद पर बने रहने को सुनिश्चित करने के लिए एकेयू वीसी की सेवानिवृत्ति की आयु को 70 वर्ष से बढ़ाकर 75 वर्ष करने के लिए एक विधेयक पारित किया था. क्योंकि एसपी सिंह ने सेवानिवृत्ति के लिए तय 70 साल की उम्र पूरा कर लिया था. हालांकि तत्कालीन राज्यपाल राम नाथ कोविंद ने अपनी सहमति देने से इनकार कर दिया था और विधेयक को वापस कर दिया था.