JAMUI: बिहार के जमुई जिले की रहने वाली नीशू सिंह ने एक साथ लेह लद्दाख के दो पर्वतों पर तिरंगा लहराया। लद्दाख के कांग यात्से 2 के 20506 फीट पर महज 11 घंटे में राष्ट्र ध्वज लहराया तो वही दूसरा कांग यात्से 1 के 21011फीट पर 6 की चढ़ाई कर तिरंगा लहराया।
बता दें कि 24 अगस्त की रात 9 बजे लेह लद्दाख की कांग यात्से 2 के बर्फीली पर्वत पर चढ़ाई करना शुरू की और 20506 फीट पर चढ़ाई कर 25 अगस्त की सुबह 7 बजे कांग यात्से 2 पर तिरंगा लहराया। फिर लेह लद्दाख के कांग यात्से 1 के 21001 फीट की ऊंचाई पर 30 अगस्त की सुबह 6 तिरंगा लहराने में नीशू ने सफलता हासिल की। नीशू ने कहा कि दोनों पर्वतों को फतेह करना बहुत बड़ी चुनौती थी जिसे उसने करके दिखाया।
जमुई जिले के बरहट प्रखंड के टैगारा गांव की बेटी निशू सिंह ने एक बार फिर दो पहाड़ों पर चढ़कर भारत का तिरंगा लहराया। निशू सिंह ने लेह लद्दाख के दो पर्वतों पर तिरंगा लहराया है। निशू सिंह ने इस बार लेह लद्दाख की दो कांग यात्से 1 (21001 फीट) और कांग यास्ते 2 (20506 फीट) की ऊंचाई पर चढ़ाई की। अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही निशू सिंह एक बार फिर अपने गांव, राज्य और देश को इस कामयाबी से गौरवान्वित किया है। निशू सिंह अपनी टीम के साथ 15 अगस्त को इस अभियान पर चली थी जो 30 अगस्त तक चला।
निशू सिंह पिछले 4 साल से पर्वतारोहन कर रही है। निशू सिंह अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमजारो पर भी भारत का तिरंगा लहरा चुकी है। पर्वतारोही निशू सिंह ने बताया की इन दोनों पर्वतों को फतेह करना बहुत बड़ी चुनौती थी। उन्होंने बताया कि दोनों पर्वतों को बिना गाइड के खुद की मेहनत और एक्सपीरियंस से यह सफलता हासिल की। निशू सिंह ने बताया की 15 अगस्त को इस अभियान पर वो अपनी टीम के साथ निकली थी। कई चुनौतियों के साथ दो पर्वतों को फतेह करना था वो भी कांग यात्से 1 और कांग यात्से 2 पर तिरंगा लहराना था।
15 अगस्त को लेह लद्दाख पर चढ़ाई करने की तैयारी शुरू की। बेस कैंप पहुंचकर मौसम के सही समय के इंतजार के बाद 24 अगस्त रात 9 बजे कांग यात्से 2 जिसकी ऊंचाई 20506फीट पर चढ़ाई करना शुरु किया और 25 अगस्त की सुबह कांग यात्से 2 पर भारत का तिरंगा फहराया। उसके बाद बेस कैंप में वापस पहुंच कर दूसरे पर्वत पर चढ़ाई की तैयारी शुरू कर दी। 29 अगस्त की रात कांग यात्से 1 के लिए निकले और आंधी बर्फबारी के बीच 30 अगस्त की सुबह 6 बजे दूसरा पर्वत पर तिरंगा लहराने में हुए कामयाब हुई। पर्वतारोही निशु सिंह ने बताया की इन दोनों पर्वतों को फतेह करना मेरे लिए बहुत बड़ी चुनौती थी। बता दें कि निशू सिंह 4 वर्षों में कई माउंटेन पर तिरंगा लहरा चुकी है।