PATNA : बिहार में उच्च शिक्षा से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आ रही है। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में अगले सत्र से एक ही तरह का सिलेबस लागू होगा। स्नातक के सिलेबस में बड़ा बदलाव करने की तैयारी है और इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों में सीबीसीएस यानी चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इस नए सिस्टम के लागू होने के बाद उच्च शिक्षा में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। कॉलेज इंटरनल परीक्षा ले पाएंगे साथ ही साथ विश्वविद्यालय एक्सटर्नल एग्जाम लेने का सिस्टम डिवेलप करेगा। इस सिस्टम के लागू होने से राष्ट्रीय स्तर पर बिहार के छात्रों की स्वीकार्यता बढ़ेगी, साथ ही साथ छात्र–छात्राओं को नई शिक्षा नीति के तहत फायदा भी मिलेगा।
राज्य की उच्च शिक्षा निदेशक प्रोफेसर रेखा कुमारी के मुताबिक प्रदेश के विश्वविद्यालयों में नए सत्र से सीबीसीएस के तहत पढ़ाई कराई जाएगी। इसके लिए सिलेबस में बदलाव किया जा रहा है। सिलेबस बदलने की जिम्मेदारी राजभवन के कंधे पर है। सरकार ने इस बदलाव के लिए राजभवन से आग्रह किया है राजभवन अब कुलपतियों की कमेटी बनाकर सिलेबस बदलने का काम पूरा करेगा। इस नए सिलेबस के लागू होने से बीपीएससी, नेट और यूपीएससी जैसे परीक्षाओं में छात्रों को फायदा मिलेगा। नई व्यवस्था लागू हुई तो पूरे बिहार के विश्वविद्यालयों में एक ही सिलेबस लागू रहेगा। यह सिलेबस पटना विश्वविद्यालय की तर्ज पर होगा। पटना विश्वविद्यालय ने अपने यहां स्नातक में सीबीसीएस पेटर्न लागू कर रखा है। साल 2019 में भी इस तरह की पहल की गई थी लेकिन राजभवन ने इस पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया था।
दरअसल सीबीसीएस पेटर्न यानी चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम में छात्रों को नंबर की जगह ग्रेड और क्रेडिट दिया जाता है। इतना ही नहीं छात्र अपने हिसाब से सब्जेक्ट चुन सकते हैं। छात्रों को फायदा मिलेगा कि अगर कोई हिंदी का स्टूडेंट साइंस पढ़ना चाह रहा है तो वह इसका चयन कर सकता है। छात्रों को उसके लिए अटेंडेंस और क्रेडिट मिलेंगे।