PATNA : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी जिस पुलिस के पीपुल्स फ्रेंडली होने के दावे करते रहे हैं वह पुलिस आम लोगों की कौन कहे कोर्ट का आदेश भी नहीं मान रही. पटना के दीघा थाने को कई बार निर्देश देने के बावजूद जब थानेदार ने कोर्ट का कोई नोटिस नहीं लिया तो थानाध्यक्ष के खिलाफ FIR दर्ज कराने का आदेश दिया गया है. कोर्ट की नाराजगी ये बताने के लिए काफी है कि सुशासन की पीपुल्स फ्रेंडली पुलिस किस तरीके से काम कर रही है.
दीघा के थानेदार पर एफआईआर होगी
पटना सिविल कोर्ट के एडीजे(नवम) कुमार गुंजन की अदालत ने शनिवार को सख्त कदम उठाते हुए दीघा के थाना प्रभारी के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने थानेदार का वेतन रोकने का भी आदेश जारी किया है. एडीजे की कोर्ट ने पटना के एसएसपी को पत्र भेजकर अपने आदेश को लागू करने को कहा है. मामला अग्रिम जमानत याचिका से जुड़े मामले का है. थानेदार ने कोर्ट के बार-बार के आदेश के बावजूद केस डायरी नहीं भेजा.
दरअसल एडीजे की कोर्ट में अग्रिम जमानत की दो याचिकायें दायर की गयी थीं. इन याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने 30 जनवरी 2021 को पुलिस से केस डायरी की मांग की थी. कोर्ट ने केस डायरी मांगने के बाद स्मार पत्र भेजा. फिर शो कॉज नोटिस जारी किया. लेकिन थाना प्रभारी ने केस डायरी भेजना तो दूर कोर्ट के शो कॉज नोटिस का भी कोई नोटिस नहीं लिया. यानि कोर्ट को कोई जवाब नहीं दिया.
शनिवार को कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया. एडीजे की कोर्ट ने कहा कि दीघा के थाना प्रभारी ने न सिर्फ कोर्ट के आदेश की अवहेलना की बल्कि आम नागरिक को संविधान द्वारा दिये गये विधिक अधिकार का भी हनन किया है. कोर्ट ने थानेदार को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई का फैसला लिया है. एसएसपी को पत्र भेजकर दीघा थाना प्रभारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 175 और 187 के तहत मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है. वहीं फिलहाल उनका वेतन भी रोकने का निर्देश दिया गया है.