MOTIHARI: बिहार में रामचरितमानस को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर अपने मिशन में लगे हुए हैं। पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर लगातार लोगों से मुलाकात कर रहे हैं और अपनी सियासी जमीन तलाश कर रहे हैं। पदयात्रा के दौरान पूर्वी चंपारण के केसरिया पहुंचे पीके ने जाति की राजनीति करने वाले नेताओं पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद हों या कोई और नेता,उन्होंने जात के नाम पर सिर्फ की राजनीति की। जात की राजनीति करने वाले लोगों ने अपनी जाति के लोगों का नहीं बल्कि सिर्फ अपने परिवार का भला किया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोग अपने बच्चों की पीड़ा को नहीं समझ पा रहे हैं। बच्चे स्कूलों में कीड़ा वाला खिचड़ी खाने को मजबूर हैं और लोग जाति और धर्म से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है। गांव में बेरोजगार युवा नौकरी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। लोगों को इसकी फिक्र खुद करनी होगी। बिहार के लोगों ने अपना आत्मसम्मान इतना खो दिया है कि उन्हें अपने बच्चों की पीड़ा समझ में नहीं आ रही है। उन्होंने लोगों से सोच समझकर वोट करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि आज बिहार के लड़कों को दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए जलालत से भरी जिंदगी गुजारनी पड़ती है। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या अपने बच्चों को मजदूर बनाने के लिए पैदा किया था। दूसरे राज्यों में बिहार के लोगों को बेइज्जती झेलनी पड़ती है। बिहार के लोग अगर जाग जाएं तो उनके लड़के जो आज दूसरे प्रदेशों में मजदूरी कर रहे हैं कल वही लड़के अपने घर लौटकर फैक्ट्री लगा सकते हैं।