NAWADA : बिहार पंचायत चुनाव में अगले चरण के मतदान के लिए नामांकन की प्रक्रिया जारी है. शनिवार को नवादा में मुखिया पद के अजीबोगरीब नजारा देखने को मिला. दरअसल नामांकन दाखिल कराने आई एक महिला प्रत्याशी चुनाव से पहले ही जेल चली गई. जिसके ऊपर सीएम नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय योजना में 66 लाख रुपये गबन करने का आरोप लगा है.
मामला नवादा जिले के अकबरपुर प्रखंड का है. यहां शनिवार को माखर पंचायत से मुखिया पद के लिए नॉमिनेशन करने पहुंची पूर्व मुखिया शाहीन खातून को नामांकन से पहले पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इनके ऊपर सीएम नीतीश के सात निश्चय योजना के 66 लाख रुपये के गबन का आरोप है. शाहीन खातून गुप्त रूप से छुपते छुपाते नामांकन का पर्चा भरने आई थी. लेकिन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
बताया जा रहा है कि शाहीन खातून पिछले 4 सालों से फरार चल रही थी. वह माखर पंचायत की पूर्व मुखिया है. सात निश्चय योजना में 66 लाख रुपए गबन करने का आरोप है. अकबरपुर के पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी नौशाद आलम सिद्दीकी ने 14 नवंबर 2017 को उन पर अकबरपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराया था. आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 409 और 34 के तहत उनके खिलाफ कांड संख्या 257/2017 दर्ज है. तभी से वह फरार चल रही थी.
पूर्व मुखिया शाहीन खातून की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते हुए अकबरपुर थाना अध्यक्ष अजय कुमार ने बताया कि माखर पंचायत की पूर्व मुखिया शाहीन खातून छुपकर नामांकन करने पहुंची थी. लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी मिल गई. प्रखंड परिसर में पहुंचते ही पुलिस गुप्त रूप से उनके पीछे लग गई और नामांकन कार्य पूरा होने के बाद गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद शाहीन खातून को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.