CBSE 10th, 12th Result on DigiLocker: जल्द जारी होंगे CBSE 10वीं और 12वीं के नतीजे, DigiLocker से ऐसे रिजल्ट करें डाउनलोड CBSE 10th, 12th Result on DigiLocker: जल्द जारी होंगे CBSE 10वीं और 12वीं के नतीजे, DigiLocker से ऐसे रिजल्ट करें डाउनलोड मैट्रिक और इंटर कम्पार्टमेंटल परीक्षा का दूसरा दिन, दो पाली में शांतिपूर्ण एग्जाम संपन्न, अब सोमवार को विशेष परीक्षा Bihar Crime News: अवैध हथियार कारोबार के लिए सेफ जोन है बिहार का यह जिला, एक और मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा Bihar News: गया के लोगों के लिए गुड न्यूज, इस दिन से शुरू होगी दिल्ली के लिए डायरेक्ट फ्लिइट दाढ़ी नहीं कटवाने पर देवर संग भागी महिला, लौटने पर पति ने थाने में दिया तीन तलाक, कहा..दाढ़ी के लिए 10 बीवियां कुर्बान Builder Arrest: पटना का कुख्यात-फॉड बिल्डर...टॉप-10 की लिस्ट में शामिल बिल्डर को पटना पुलिस ने किया गिरफ्तार, दर्ज हैं 25 केस Bihar Crime News: बिहार में होटल की आड़ में चल रहा था जिस्मफरोशी का गंदा खेल, डेढ़ दर्जन लड़कियों के साथ कई लड़कों को पुलिस ने पकड़ा छातापुर में पैनोरमा ग्रुप का नया प्रोजेक्ट, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ 'बंधन पैनोरमा होटल' का भूमि पूजन Success Story: इंजीनियर का बेटा बना IAS अधिकारी, दो बार असफलता के बाद भी नहीं टूटे हौसले, तीसरी बार UPSC में मिली सफलता
1st Bihar Published by: Updated Sat, 27 Feb 2021 08:19:32 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : राज्य के अंदर न्यायालयों की तरफ से स्पीडी ट्रायल के मामलों में तेजी से सुनवाई कर दोषियों को सजा दिलाने की कई खबरें हाल के दिनों में देखने को मिली है लेकिन बिहारशरीफ कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जो देश के लिए मिसाल बन गया है। न्यायपालिका के इतिहास में शायद ही ऐसा हुआ हो कि सबूत रहते हुए किसी आरोपी को बरी कर दिया गया। बिहारशरीफ कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आरोपी पिता को इसलिए बरी कर दिया क्योंकि उसके गुनाह की सजा 4 माह के मासूम को न भुगतना पड़े। किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा ने शुक्रवार को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
दरअसल यह मामला एक नाबालिग लड़की को भगा कर शादी करने और शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी किशोर को सबूत रहते हुए बरी करने का है कोर्ट ने नाबालिग दंपत्ति को साथ रहने के लिए आदेश दिया है। नाबालिक होने के कारण दोनों की शादी कानूनी रूप से भले ही मान्य नहीं हो लेकिन कोर्ट के निर्देश पर अब दोनों साथ रहेंगे। इस मामले में लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की 19 साल है। दरअसल कोर्ट ने दंपति के 4 माह के बच्चे को देखते हुए यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।
इस तरह के मामलों में कानूनन 3 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है लेकिन बिहारशरीफ की अदालत ने जो फैसला सुनाया है वह अपने आप में नजीर बन गया है। फैसला सुनाते हुए जज मानवेंद्र मिश्रा ने कहा कि यह के अपवाद है और दूसरे मामलों में यह फैसला नजीर बनेगा। जज ने कहा कि दोनों को 4 माह का बच्चा भी है। ऐसे में नाबालिग मां-बाप को अगर सजा दी जाती है तो एक मासूम का पालन पोषण और संरक्षण प्रभावित होगा। एक साथ तीन जिंदगी इस फैसले से प्रभावित होंगी। यही नहीं कोर्ट ने आशंका जताई कि किशोरी कि ऑनर किलिंग भी हो सकती है। बच्चे की जान भी खतरे में पड़ सकती है। इसलिए अदालत ने दंपत्ति को साथ रहने का आदेश दिया और मासूम के आरोपी पिता को बरी कर दिया। बिहारशरीफ कोर्ट के इस फैसले की चर्चा अब हर तरफ है।