ARA : बिहार के आरा जिला में शनिवार को युवा जदयू के राष्ट्रीय सचिव और सासाराम विधानसभा प्रभारी प्रिंस सिंह बजरंगी को पुलिसवालों ने बड़ी ही बेरहमी से पीटा और मार-मार के उनका हाथ तोड़ दिया. पुलिस की मार से जख्मी जेडीयू कार्यकर्ता फिलहाल इलाज करा रहे हैं. हालांकि उन्होंने इसका आरोप भोजपुर के एसपी हर किशोर राय के ऊपर लगाया है. आपको बता दें कि इससे पहले भी बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान इसी नेता को गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतारने की कोशिश की गई थी लेकिन गोली लगने के बाद उनकी जान बच गई और इसी घटना में उन्होंने अपने एक साथी को खो दिया.
घटना भोजपुर जिले के आरा शहर की है, जहां नवादा थाना इलाके के पश्चिमी ओवरब्रिज के पास की है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफी ख़ास माने जाने वाले युवा जदयू के राष्ट्रीय सचिव प्रभारी प्रिंस सिंह बजरंगी को बेरहमी से पीटकर उनका हाथ तोड़ दिया गया है. उन्होंने कहा कि "मैं इसकी शिकायत सीएम नीतीश कुमार और जदयू के वरिष्ठों से करूंगा." जख्मी जेडीयू नेता ने इसका आरोप सुशासन की पुलिस के ऊपर लगाया है. फर्स्ट बिहार से बातचीत में उन्होंने कहा कि "ये भोजपुर एसपी (हर किशोर राय) साहब के खिलाफ मुंह खोलने का नतीजा है."
पुलिस की पिटाई से जख्मी जदयू नेता का इलाज आरा सदर अस्पताल आरा में कराया गया. उन्होंने भोजपुर पुलिस की डीआईयू टीम पर जानबूझ कर मारपीट किए जाने का गंभीर आरोप लगाया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जख्मी नेता ने कहा है कि पहले मारपीट की अब एक्सक्यूज दे रहे हैं कि नहीं पहचान पाए इसलिए गलती हो गई.
आपको बता दें कि प्रिंस सिंह बजरंगी इससे पहले भी पुलिस के निशाने पर रहे हैं. जिसके बाद ही वह काफी चर्चा में आये. 6 साल पहले भोजपुर जिले में आयोजित सीएम नीतीश के कार्यक्रम के बाद तब छात्र नेता रहे प्रिंस सिंह बजरंगी और कुमुद पटेल को रात में घर से उठाकर पुलिस ने हिरासत में जमकर पीटा था. तब इन्होंने आरोप लगाया था कि दोनों को पुलिस ने सिगरेट से भी जलाया था.
तब बिहार सरकार और भोजपुर पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी. प्रिंस सिंह बजरंगी और कुमुद पटेल की पिटाई को गंभीरता से लेते हुए नीतीश सरकार ने भोजपुर के तत्कालीन एसपी राजेश कुमार और एसडीपीओ दीपक रंजन का तबादला कर दिया और आईपीएस अख्तर हुसैन को भोजपुर का एसपी बनाया. वहीं डीआईजी मुजफ्फरपुर के कार्यालय में कार्यरत विनोद कुमार राउत को आरा सदर का एसडीपीओ बनाया गया.
प्रिंस सिंह बजरंगी और कुमुद पटेल पर 28 नवंबर 2015 को नीतीश कुमार की संपर्क यात्रा के दौरान एक सब इंस्पेक्टर के साथ बदसलूकी का आरोप लगा था. इस मामले में एसपी ने 3 थानेदारों धोबहां के राजकुमार, गजराजगंज के राजू कुमार और बड़हरा के अमन आनंद को सस्पेंड कर दिया था. इतना ही नहीं डीएम ने जांच कमेटी गठित कर इस पूरे घटनाक्रम की मॉनिटरिंग की और रिपोर्ट सौंपा.
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान 27 सितंबर 2020 को आरा नवादा थाना क्षेत्र अंतर्गत जगदेव नगर इलाके में हथियारबंद अपराधियों ने सरेशाम जदयू नेता प्रिंस बजरंगी समेत दो लोगों को गोली मारी थी, जिसमें जदयू नेता के साथी की मौत हो गई थी. जबकि,प्रिंस गोली लगने से घायल हो गए थे. बताया जाता है कि हमलावर चार की संख्या में थे. वारदात को अंजाम देने के बाद आराम से भाग निकले थे.
चुनाव के दौरान ही हालांकि भोजपुर पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया. बदमाशों के पास से दो देसी कट्टे, पांच जिंदा कारतूस और उनका मोबाइल फोन भी बरामद किया गया. एसपी हर किशोर राय ने जानकारी दी थी कि आरा शहर के नवादा थाना क्षेत्र के ओवरब्रिज के पास पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर शुभम कुमार, नीतीश कुमार और विपुल को गिरफ्तार किया. पुलिस पूछताछ में इन लोगों ने फायरिंग में अपनी भागीदारी स्वीकार की.