बिहार: अपनी पत्नी को घुमाने नहीं ले जा रहा था सिपाही, देवर को लेकर घूमने गई तो नए बॉयफ्रेंड के साथ हो गई फरार

बिहार: अपनी पत्नी को घुमाने नहीं ले जा रहा था सिपाही, देवर को लेकर घूमने गई तो नए बॉयफ्रेंड के साथ हो गई फरार

BHAGALPUR : प्रेम प्रसंग से जुड़ी हुई एक ऐसी कहानी सामने आई है, जिसे जानकार आप आश्चर्यचकित हो जायेंगे. दरअसल एक महिला अपने पति को छोड़कर गैर मर्द के साथ फरार हो गई. महिला का पति समय नहीं देता था इसलिए वह देवर के साथ भागलपुर घूमने गई और फिर बाद में नए प्रेमी के साथ फरार हो गई. जिस प्रेमी के साथ महिला फुर्र हुई वह शख्स भी पहले से ही शादीशुदा था.


घटना बिहार के भागलपुर जिले की है. यहां परवत्ता थाने में प्रेम प्रसंग से जुड़ा हुआ एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि कुसुम नाम की एक महिला नेपाल के सुनसुरी जिला के इनरवा थाना के रहने वाले जितेंद्र यादव से प्यार करती थी. जितेंद्र यादव इनरवा थाना में हवलदार के पद पर पोस्टेड है. कई दिन रिलेशनशिप में रहने के बाद कुसुम और जितेंद्र ने शादी रचा ली. शादी के दस साल बीतने के बाद भी कुसुम को ससुराल वालों ने स्वीकार नहीं किया. इसके बाद कुसुम किराए के मकान में रहने लगी.


एक दिन कुसुम ने जितेंद्र से कहा कि वह विक्रमशिला सेतु, गंगा नदी और भागलपुर घूमने जाना चाहती है. जितेंद्र बोला कि उसे छुट्टी नहीं है. देवर धमेंद्र कुमार पूर्णिया में नौकरी करता था. उसी के साथ चली जाओ. पति के कहने पर कुसुम धर्मेंद्र के साथ भागलपुर घूमने चली गई. भागलपुर घूमने के बाद कुसुम बरारी में अपने बेटे और बेटी के साथ किराए पर मकान लेकर रहने लगी. एक सप्ताह भाभी के साथ रहने के बाद देवर धर्मेंद्र वापस पूर्णिया लौट गया.


उधर बरारी में जहां कुसुम रहती थी, वहां श्रवण मल्लिक नाम का एक शादीशुदा शख्स रहता था. कुसुम के घर श्रवण की मां और बहन अक्सर आती-जाती थी. धीरे धीरे श्रवण भी आने जाने लगा. इस दौरान कुसुम और श्रवण एक दूसरे को दिल दे बैठे. शादीशुदा होने के बावजूद भी वह कुसुम के लिए इतना पागल कि कुसुम को लेकर वह सहरसा भाग गया. सहरसा कोर्ट में दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली. वहां 6 माह रहने के बाद सहरसा से बरारी आकर किराए के मकान में दोनों साथ रहने लगे.


इधर श्रवण की पहली पत्नी को इस संबंध में पता चला तो वह कुसुम लेकर अपने मायके परवत्ता थाना के बहत्तरा आ गई. वहां श्रवण दोनों पत्नीयों के साथ रहता था. श्रवण कुसुम को दूसरी पत्नी मानता था. इसी दौरान श्रवण की पहली पत्नी ने सौत से पीछा छुड़ाने के लिए कुसुम के पहले पति जितेंद्र यादव को फोन कर दिया. जितेंद्र यादव अपने लोगों के साथ राघोपुर आया. जितेंद्र को राघोपुर आने की सूचना पर दबाव बनाने के लिए श्रवण मल्लिक कुसुम के पुत्र को लेकर फरार हो गया. पहला पति जितेंद्र आने पर कुसुम उसके पक्ष में हो गई. 


इस पूरे घटनाक्रम को लेकर परवत्ता थानाध्यक्ष रामचंद्र यादव ने बताया कि यह अपहरण का मामला हैं नहीं. यह प्रेम प्रसंग का मामला हैं. मामला बरारी थाना का हैं. श्रवण मल्लिक और कुसुम के बीच प्रेम प्रसंग हैं. कई महीनों तक दोनों पति पत्नी के रूप में रह रहे थे. इतना दिन तक कोई दबाव में नहीं रख सकता हैं. यहां तक कि कुसुम ने अपने हाथ से पति के नाम का गोदना मिटवा कर श्रवण का नाम गोदवा लिया था. यह जबरदस्ती नहीं हो सकता हैं. कुसुम कभी भी पुलिस के पास जा सकती थी. 


अब इस पूरे मामले को लेकर कुसुम का कहना हैं कि श्रवण ने बेटे की हत्या करने की धमकी देकर यौन शोषण और मेरे साथ शादी किया. इधर कुसुम के पहले पति और सिपाही जितेंद्र यादव का कहना हैं कि बेटे के अपहरण का आवेदन ना तो परवत्ता थाना ले रहा और ना ही बरारी थाना स्वीकार कर रहा हैं. हमें पुत्र चाहिए.