BHAGALPUR : बिहार में कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर सरकार ने 1 जून तक लॉकडाउन का एलान किया है. राज्य सरकार ने अफसरों को इसे सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है. इसी कड़ी में भागलपुर के सिटी एएसपी पूरण कुमार झा विधि व्यवस्था की वास्तविक स्थिति को देखने सिविल ड्रेस में ही निकल पड़े. इस दौरान उन्होंने देखा कि शहर में कई दुकानें खुली थीं. कई पुलिसकर्मी बस ड्यूटी बजा रहे थे. तो महिला सिपाही आराम से बैठकर मोबाइल चला रही थी.
आईपीएस पूरण कुमार झा लॉ एंड आर्डर की व्यवस्था देखने जब भागलपुर शहर के एक चौराहे पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि ट्रैफिक पुलिस में तैनात एक एएसआई महिला सिपाही अनु कुमारी के साथ बैठकर आराम फरमा रहा है. महिला सिपाही भी अपनी जिम्मेदारियों से बेपरवाह आराम से बैठकर मोबाइल चला रही है. पुलिसवालों की ऐसी करतूत देखकर एएसपी अंदर से उखड़ गए और वह रोड पर ही सबके सामने एएसआई और महिला सिपाही को डांट-फटकार लगाने लगे.
एएसपी ने देखा कि जमादार ने वर्दी पर नाम प्लेट नहीं लगाया था. हद तो तब हो गई जब अफसर ने ये देखा कि उसके वर्दी से न सिर्फ नाम प्लेट बल्कि स्टार भी गायब है. ये देखने के बाद वो और भी ज्यादा भड़क गए. एएसआई की इस गलती को देखकर एसएसपी ने उसे खूब लताड़ा. उन्होंने कहा कि जहां शेड में जैसे बैठे थे, जाकर वैसे ही बैठो. तुम्हारी तस्वीर खींचनी है. एएसपी की बात न मानकर जमादार वहीं रोड पर खड़ा रहा. फिर क्या एएसपी ने दनादन मोबाइल निकाला और वहीं पर उसका फोटो खींचकर ये कहते हुए आगे निकल गए कि "मेरे रिपोर्ट में तू ससपेंड हो जायेगा."
इसके बाद जब एएसपी भागलपुर जिले के बरारी थाना क्षेत्र के मायागंज मोहल्ला पहुंचे तो वहां मोहल्ले में हुड़दंग मचा रहे युवाओं को कोरोना के प्रोटोकॉल को समझाने का प्रयास किया तो कुछ युवा सिविल ड्रेस में पहुंचे आईपीएस पदाधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश करने लगे. इसके बाद पूरन झा को हाथ में पिस्टल निकाल कर लहराना पड़ा. उन्होंने पिस्टल निकाल कर युवकों को खदेड़ा.
जानकारी के अनुसार सिटी एएसपी पूरन कुमार झा बगैर किसी पूर्व सूचना के सिविल ड्रेस में लॉ डॉउन का जायजा लेने निकले थे. इसी क्रम में सिटी एएसपी ने बाजार में कई दुकानों को खुला हुआ देखा तो उन्होंने दुकानदारों को फटकार लगाते हुए दुकान बंद करने के लिए कहा. लेकिन इस दौरान कई दुकानदारों ने उन्हें नहीं पहचाना. यही नहीं कुछ दुकानदारों ने सिटी एएसपी के इस कदम का विरोध भी किया. लेकिन जैसे ही दुकानदारों को पता चला कि वह जिससे उलझ रहा है वह कोई और नहीं बल्कि भागलपुर के सिटी एएसपी पुरन कुमार झा हैं, तो दुकानदार हक्का-बक्का रह गए. वे लोग माफ़ी मांगना शुरू कर दिए. जिसके बाद उन्हें सख्त हिदायत देकर एएसपी ने छोड़ दिया.