बांका मदरसा विस्फोट: खुद बम बना रहा था मारा गया मौलाना, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उठे सवाल, तब्लीगी जमात से भी संबंधों का खुलासा

 बांका मदरसा विस्फोट: खुद बम बना रहा था मारा गया मौलाना, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से उठे सवाल, तब्लीगी जमात से भी संबंधों का खुलासा

PATNA : बिहार के बांका में मदरसे में विस्फोट के बाद पूरे देश में हंगामा मचा है. अब इसमें चौंकाने वाली बातें सामने आ रही है. ये बात लगभग साबित हो चुकी है कि मदरसे में IED विस्फोट हुआ था. बड़ी बात ये है कि विस्फोट में जिस मौलाना अब्दुल मोमिन की मौत हुई उसके शरीर पर जो निशान मिले हैं उससे कई सवाल उठ खड़े हुए हैं. उससे ये लग रहा है कि मौलाना खुद बम बना रहा था. मारे गये मौलाना का तब्लीगी जमात से भी संबंध होने की बात सामने आ चुकी है.


पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चौंकाने वाले खुलासे
बांका सदर अस्पताल में मौलाना अब्दुल मोमीन के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉ लक्ष्मण पंडित ने बताया कि डेड बॉडी पर जो जख्म के निशान थे वे स्पष्ट संकेत दे रहे हैं कि ब्लास्ट के कारण शरीर पर चोटें लगी थी. डॉक्टर ने बताया कि डेड बॉडी पर दर्जनों जख्म थे. शरीर पर ढेर सारे छर्रे यानि स्पिलंटर थे. सारे जख्मों के इर्द गिर्द काला निशान था. हाथ और पैर कई जगह से टूटे थे. एक बडा जख्म भी था जो संभवतः दीवार गिरने से कारण लगी चोट से बना था. 


मौलाना के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने जो जानकारी दी उससे कई निष्कर्ष निकलते हैं. जख्मों के इर्द गिर्द बना काला निशान बारूद का ही हो सकता है. शरीर में जो छर्रे लगे हैं वे IED बनाने में उपयोग किये जाते हैं. बारूद का काला निशान शरीर पर तभी बनता है जब उसका प्रयोग नजदीक से हो. शरीर में जिस तरह से जख्म का जिक्र पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किया गया है उससे भी साफ है कि ये IED  से बना जख्म ही था.


खुद बम बना रहा था मौलाना
जिस वक्त मदरसे में उस वक्त वहां चार लोग औऱ थे. उन चारों के घायल होने की खबर है. हालांकि वे फरार हैं. लेकिन उनमें से किसी की मौत नहीं हुई. जबकि मौलाना को नजदीक से बारूद औऱ छर्रे लगे हैं. ऐसे में विशेषज्ञ यही निष्कर्ष निकाल रहे हैं कि मौलाना अब्दुल मोमिन खुद IED तैयार कर रहा था. उसी दौरान ये विस्फोट हुआ औऱ उसका शिकार वह खुद बन गया. मदरसे में बाहर से किसी आदमी के बम फेंकने की भी किसी तरह की बात सामने नहीं आयी है.


तब्लीगी जमात से भी था संबंध 
बांका के मदरसे में मारे गये मौलाना का संबंध तब्लीगी जमात से भी था. स्थानीय लोगों ने बताया कि मौलाना अक्सर तब्लीगी जमात की बैठकों में जाया करता था. पिछले साल दिसंबर में भी वह तब्लीगी जमात की बैठक में होकर आय़ा है. बांका के जिस मदरसे में विस्फोट हुआ वहां भी तब्लीगी जमात की बैठकें होने की बात सामने आ रही है लेकिन अब तक उसी पुलिस या प्रशासन ने पुष्टि नहीं की है.


गौरतलब है कि बांका के नवटोलिया में नूरी मस्जिद इस्लामपुर के पास बने एक मदरसे में मंगलवार को जबरदस्त विस्फोट हुआ था जिसमें पूरा मदरसा जमींदोज हो गया. इस विस्फोट में मौलवी मोहम्मद सत्तार उर्फ मोमिन की मौत  हो गई. पहले इसे सिलेंडर विस्फोट बताया गया. लेकिन बाद में ये साबित हो गया है कि ये बम विस्फोट था. जब देश भर में इस घटना पर बबाल ख़ड़ा हो गया तो घटना के 24 घंटे बाद जांच के लिए बुधवार को भागलपुर प्रक्षेत्र के डीआईजी सुजीत कुमार वहां पहुंचे. घटना की जांच के लिए पटना से बिहार पुलिस का आतंकवाद निरोधक दस्ता यानि ATS भी पहुंचा है.