बिहार के ऐसे दो गांव-जहां कभी कोई केस-मुकदमा नहीं हुआ, कोई थाने औऱ कचहरी नहीं गया

बिहार के ऐसे दो गांव-जहां कभी कोई केस-मुकदमा नहीं हुआ, कोई थाने औऱ कचहरी नहीं गया

PATNA : बिहार में बेतहाशा आपराधिक घटनाओं के बावजूद ऐसे भी लोग औऱ बस्ती है जो मिसाल कायम कर रही है. ऐसे दो गांव हैं जहां कोई केस मुकदमा नहीं हुआ. गांव का कोई आदमी थाने या कोर्ट कचहरी नहीं गया. सुनने में ये अजूबा लगता है लेकिन बात सच है.


मधेपुरा के दो गांवों की कहानी
इस दौर में भी आपसी मेलजोल की मिसाल कायम करने वाले ये दोनों गांव मधेपुरा जिले के हैं. मधेपुरा के घैलाढ़ प्रखंड के ध्रुवपट्टी और चौसा प्रखंड के मधुरापुर गांव के लोग कभी केस-मुकदमे के चक्कर में नहीं पड़े. आपस में विवाद होता है. लेकिन गांव के लोग ही एक साथ बैठकर उस विवाद का निपटारा कर देते हैं. गांव की बैठक में जिसे दो आदेश दिया जाता है लोग उसे मान लेते हैं. 


प्रशासन ने गांव के लोगों को किया सम्मानित
मधेपुरा के इन दो गांवों में आपसी अमन-चैन में पंचायत प्रतिनिधियों ने अहम रोल निभाया है. जिला प्रशासन ने समाज को नयी दिशा दिखाने वाले गांवों के लोगों को सम्मानित किया. मधेपुरा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश, ज़िलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने ग्रामीणों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. सम्मान समारोह के बाद सभी अधिकारियों ने ध्रुवपट्टी गांव जाकर लोगों से मुलाकात की और उन्हें बधाई देते हुए कहा कि वे केस मुकदमे से मुक्त गांव की परंपरा को बनाए रखें. 


सम्मान समारोह में मौजूद जिला न्यायाधीश ने कहा कि जिस समाज में केस-मुकदमे का विवाद न हो उसकी तरक्की को कोई रोक नहीं सकता. वहीं जिलाधिकारी ने कहा कि ये उनके लिए गर्व की बात है कि उनके जिले में ऐसे दो गांव हैं जहां कोई केस मुकदमा नहीं हुआ. मधेपुरा के एसपी ने कहा कि इन गांव के लोग न सिर्फ आपस में शांति बनाये रखते हैं बल्कि आस पास के इलाके में भी शांति बनाये रखने में भी पुलिस की मदद करते हैं.