PATNA : बिहार में डाकघर के अधिकारियों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। दरअसल, बिहार के तकरीबन 10 हजार डाकघरों में पिछले तीन साल में अलग-अलग योजनाओं के 1.91 करोड़ अकाउंट बंद हो चुके हैं। साल 2019-20 की बात करें तो बिहार सर्किल डाक विभाग के 25 डिवीजन में बचत खाता, रेकरिंग डिपॉजिट, टाइम डिपॉजिट स्कीम, सुकन्या समृद्धि स्कीम, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम के तहत 3,16,30,292 एकाउंट्स थे।
वहीं 2021-2022 में इस आंकड़े में भारी गिरावट दर्ज की गई है। ये आंकड़ा 3,16,30,292 से घटकर 1,50,54,098 तक पहुंच गया, जबकि साल 2022- 23 में सिर्फ 1,25,26,686 खाते बचे। डाकघर के वरीय अधिकारियों ने बताया कि जब से पैन और आधार कार्ड को लिंक करना जरुरी किया गया है, तब से ही ये कमी देखने को मिल रही है। वहीं, अलग-अलग बचत खातों में लगातार कमी के मद्देनज़र डाक विभाग ने विशेष ड्राइव की भी शुरुआत की है।
विशेष ड्राइव चलाए जाने के बाद भी नये खाते नहीं खुल रहे हैं। मुजफ्फरपुर डिवीजन की बात करें तो साल 2019- 20 में 15,50,289 बचत खाते थे, जो 2021- 22 में घटकर 8,41,817 और 2022- 23 में 7,63,091 हो गए। जबकि, भागलपुर डिवीजन में साल 2019-20 में 13,35,719 बचत खाताधारक थे, जो साल 2021-22 में घट कर 5,98,941 और 2022- 23 में 6,03,112 पर आ गया।