PATNA : 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही यह अटकलें लगती रही हैं कि बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा की कुर्सी जाने वाली है। खुद मदन मोहन झा ने भी अपनी तरफ से कांग्रेस आलाकमान को पिछले दिनों इस्तीफा सौंप रखा है लेकिन इसके बावजूद मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष का खूंटा ऐसा है कि वह उखड़ने का नाम नहीं ले रहा है। इन दिनों कांग्रेस में दिल्ली के स्तर पर बदलाव की तैयारी चल रही है। कांग्रेस आलाकमान और पार्टी के प्रमुख नेताओं का पूरा फोकस मिशन 2024 को लेकर है। इसके लिए प्रशांत किशोर से उनकी बैठक भी हुई हैं। यही वजह है कि कांग्रेस दिल्ली को छोड़कर फिलहाल बिहार पर अपना ध्यान नहीं लगा रही।
बिहार कांग्रेस को नया प्रदेश अध्यक्ष जल्द मिलेगा इसकी उम्मीद ना के बराबर है। मदन मोहन झा अगले कुछ महीनों तक अपने पद पर बने रह सकते हैं। दरअसल जुलाई और अगस्त में कांग्रेस का संगठनात्मक चुनाव होना है। माना जा रहा है कि संगठन चुनाव तक बिहार में नेतृत्व परिवर्तन की उम्मीद बेहद कम है। मदन मोहन झा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर अपना कार्यकाल भी पूरा कर चुके हैं। पहले लोकसभा चुनाव और फिर विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा हो रही है लेकिन इस सब के बावजूद फिलहाल वह अपने पद पर बने रह सकते हैं। चर्चा यह भी है कि कांग्रेस में कार्यकारी व्यवस्था के तहत पार्टी को चलाने का काम किया जा सकता है। कांग्रेस की तरफ से सदस्यता अभियान भी चलाया जा रहा है, ऐसे में अगर परिवर्तन हुआ तो सदस्यता अभियान पर भी असर पड़ सकता है।
सूत्रों की मानें तो पार्टी का संगठन चुनाव जुलाई-अगस्त में संभावित हैं। उस दौरान बिहार के कामकाज की समीक्षा भी होगी। उसी दौरान जाति समीकरणों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के नए नेतृत्व पर फैसला होगा। तब तक मदन मोहन झा के नेतृत्व में बिहार कांग्रेस का कामकाज यूं ही चलता रहेगा।