PATNA: लालू प्रसाद यादव के 17 ठिकानों पर एक साथ सीबीआई ने रेड की है। शुक्रवार की सुबह से ही रेलवे भर्ती में गड़बड़ी को लेकर पटना, दिल्ली, गोपालगंज, भोपाल के कई ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी चल रही है। आरजेडी का कहना है कि बिहार में जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी के साथ आने से बीजेपी में बेचैनी बढ़ गई है। इसलिए बीजेपी के इशारे पर CBI ने यह कार्रवाई की है।
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने सीबीआई की छापेमारी पर सवाल उठाया है। शिवानंद तिवारी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बढ़ती नजदीकी भाजपा को बर्दास्त नहीं हो रही है। शिवानंद तिवारी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी और आरएसएस जातीय जनगणना को रोकना चाहते हैं ताकि जाति आधारित जनगणना से सही जानकारी सामने न आ जाए। देश की बहुसंख्यक आबादी संसाधनों और सुविधाओं से वंचित है। साधनों के सही तरीके से बंटवारे की मांग जाति जनगणना के बाद उठ सकती है। इसलिए यह मसला उठाया जा रहा है।
इधर, बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में जो बहालियां हुई थीं उसपर लंबे समय से सवाल उठ रहा था। लालू यादव पर रेलवे में नौकरी देने के एवज में जमीन रजिस्ट्री कराने का आरोप लगा है उसी आरोप को लेकर सीबीआई जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि शिवानंद तिवारी और आरजेडी के लोग सीबीआई रेड को जातीय जनगणना से जोड़ रहे हैं जो बिल्कुल गलत है।
अशोक चौधरी ने कहा है कि जातीय जगनणना का प्रस्ताव बिहार सरकार लेकर आई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मंशा थी कि बिहार में जाति आधारित जनगणना हो, ताकि हर जाति के लोगों की स्थित स्पष्ट हो सके। आरजेडी का यह कहना कि जातीय जनगणना को रोकने के लिए सीबीआई की छापेमारी चल रही है, वह बिल्कुल गलत है। मुख्यमंत्री ने पहले ही जातीय जनगणना को लेकर सरकार का रुख स्पष्ट कर दिया है।