गोपालगंज में फूड प्वाइजनिंग से एक ही परिवार के 12 लोग बीमार, सदर अस्पताल में भर्ती सारण में शिक्षक संतोष राय हत्याकांड का खुलासा, मुख्य साजिशकर्ता और शूटर गिरफ्तार छातापुर में बढ़ते अपराध पर VIP नेता संजीव मिश्रा ने जताई गहरी चिंता, कहा..अपराधियों के हौसले बुलंद, प्रशासन मौन BIHAR: छपरा में दिनदहाड़े मोबाइल दुकान में लूट, दुकानदार ने लुटेरे को कट्टा समेत दबोचा Patna News: पटना के होमगार्ड जवान की करतूत, थाना में खाना बनाने वाली महिला को लेकर हुआ फरार, पति ने पुलिस से लगाई गुहार Patna News: पटना के होमगार्ड जवान की करतूत, थाना में खाना बनाने वाली महिला को लेकर हुआ फरार, पति ने पुलिस से लगाई गुहार Bihar Politics: डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के आवास पर श्रावण महोत्सव का आयोजन, सीएम नीतीश कुमार ने किया शुभारंभ Bihar Politics: डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के आवास पर श्रावण महोत्सव का आयोजन, सीएम नीतीश कुमार ने किया शुभारंभ Bihar News: बिहार में सावन की पहली सोमवारी पर शिव मंदिर में बड़ा कांड, युवक ने सरेआम भर दी युवती की मांग; वीडियो वायरल Bihar News: बिहार में सावन की पहली सोमवारी पर शिव मंदिर में बड़ा कांड, युवक ने सरेआम भर दी युवती की मांग; वीडियो वायरल
1st Bihar Published by: Updated Wed, 03 Mar 2021 08:42:38 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जिन 106 छात्रों के एसटीईटी परीक्षा देने पर रोक लगा दी थी उनकी परीक्षा अब 3 महीने में बिहार बोर्ड को लेनी होगी. कोर्ट में बिहार बोर्ड को 106 छात्रों से जुड़े मामले में झटका लगा है.
हाई कोर्ट ने पिछले साल 28 जनवरी को हुई एसटीईटी परीक्षा में कदाचार और व्यवस्था को लेकर हंगामा करने वाले 106 छात्रों को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को कहा है कि इन सभी छात्रों की परीक्षा 3 महीने के अंदर आयोजित की जाए. न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की एकल पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया है.
पटना हाई कोर्ट में याचिकाकर्ताओं के वकील की तरफ से यह जानकारी दी गई कि एसटीटी परीक्षा में सिलेबस से बाहर के सवाल पूछे जाने और परीक्षा के दौरान कदाचार और व्यवस्था को लेकर गया के जिला स्कूल सेंटर के छात्रों ने हंगामा किया था. बाद में परीक्षा समिति में परीक्षा को रद्द कर दिया फिर से परीक्षा लेने का आदेश भी दिया, लेकिन हंगामा करने के आरोप में 106 छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें परीक्षा से निष्कासित कर दिया गया. इतना ही नहीं बिहार बोर्ड ने भविष्य में इनके एसटीइटी परीक्षा में शामिल होने पर भी रोक लगा दी.
कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील की तरफ से यह दलील दी गई थी कि जब परीक्षा समिति ने एसटीइटी परीक्षा को रद्द कर दिया तो इन छात्रों को परीक्षा से कैसे वंचित किया जा रहा है. उनका कहना था कि इन छात्रों को एडमिट कार्ड भी जारी नहीं किया जा रहा है. बिहार बोर्ड की तरफ से कोर्ट में 106 छात्रों के निष्कासन और भविष्य में उनके परीक्षा में शामिल होने पर रोक के फैसले को सही ठहराने का भरपूर प्रयास किया गया लेकिन कोर्ट ने उनकी दलील नहीं मानी.