गयाजी में किसान सम्मेलन का आयोजन, सूरज यादव ने किसानों की आवाज़ बनने का लिया संकल्प थाने के लॉकअप से फरार कैदियों को पुलिस ने दबोचा, चौकीदार और OD ऑफिसर पर सहरसा SP ने की कार्रवाई बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग: अनशन के दौरान RJD नेता की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में मिलने पहुंचे मनोज झा मुजफ्फरपुर: कॉलेज प्राचार्या पर महिला कर्मी की पिटाई और वसूली का आरोप, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला पूर्णिया में NSD का नाट्य उत्सव: विद्या विहार स्कूल में 21-22 सितम्बर को विशेष प्रस्तुतियाँ बिहार में चुनावी सरगर्मी हुई तेज: शाह-नीतीश की मुलाकात के बाद JDU ने की बैठक, राहुल और तेजस्वी पर साधा निशाना अमित शाह का बेगूसराय दौरा, राहुल-लालू-तेजस्वी पर साधा जमकर निशाना पटना के गर्दनीबाग में 28.66 करोड़ से बनेगा आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, क्रिकेट की 15 पिचों समेत जिम-हॉल की सुविधा BIHAR NEWS : 'एक दिन एक घंटा एक साथ’, बिहार में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान शुरू, गंगा तटवर्ती जिलों में पहुँचेगा स्वच्छता संदेश कल BJP के किस नेता का नंबर..? प्रशांत किशोर चौथा किस्त जारी करेंगे, दावा- जो फड़फड़ा रहा वो धाराशाई होकर गिर जाएगा
1st Bihar Published by: Updated Fri, 09 Apr 2021 09:06:10 PM IST
- फ़ोटो
KAIMUR : परीक्षा में कम नंबर आने के बाद छात्र-छात्राओं की तरह-तरह की हरकतों की खबरें आती रहती है. लेकिन कैमुर की पांच लड़कियों ने जो किया उसे जानकर आप भी हैरान रह जायेंगे. बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में कम नंबर आये तो पांच सहेलियां हिरोइन बनने के लिए घर से मुंबई के लिए निकल गयीं. लेकिन रास्ते में ही ख्वाब टूट गया.
बनारस में पकड़ी गयीं लड़कियां
दरअसल वाराणसी के कैंट स्टेशन पर रेलवे पुलिस ने पांच लड़कियों को संदेहास्पद तरीके से घूमते देखा. पुलिस ने महिला सिपाहियों के जरिये उन्हें थाना लाया. थाने में पूछताछ की तो जो कहानी सामने आयी उसे सुनकर पुलिस अधिकारी भी दंग रह गये.
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि पांचों लड़कियां बिहार के भभुआ के रामगढ़ थाने के एक गांव की रहने वाली हैं औऱ पक्की सहेलियां हैं. उन सभी ने इस साल बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा दी थी. मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट कुछ दिन पहले ही आया है. खराब रिजल्ट आने के कारण उन सभी को परिवार के लोगों से डांट सुननी पड़ी. सभी लड़कियों की उम्र 14-15 साल के करीब है.
परिवार के लोगों से डांट सुनने के बाद पांचों सहेलियों ने आपस में बैठकर विचार किया. ये तय किया कि अब घऱ के लोग आगे पढ़ायेंगे नहीं. फिर क्यों न मुंबई चलकर फिल्मों में किस्मत आजमायी जाये. इसके बाद पांचों ने अपने घरों से कपड़े औऱ पैसे लिए औऱ फिर निकल पड़ीं. लोकल ट्रेन से वे वाराणसी पहुंची, जहां से वे मुंबई जाने वाली ट्रेन पकड़ने वाली थीं. लेकिन तभी पुलिस की नजर उन पर पड़ गयी.
जीआरपी कैंट इंस्पेक्टर अशोक कुमार दुबे ने बताया कि पुलिस गश्त कर रही थी तभी मुख्य हाल में पांचों लड़कियां आईं. वे इधर-उधर भटक रही थीं. पांच नाबालिग लड़कियों को बिना किसी अभिभावक के भटकते देख पुलिस को शक हुआ. लिहाजा पुलिस ने उनसे पूछताछ की. पूछताछ में पता चला कि सभी मुंबई जाने के लिए निकली हैं. वहां फिल्म में काम करने की इच्छा है. हाईस्कूल में नंबर कम आया तो परिजनों ने डांटा था. उसके बाद ये तय किया था कि आगे नहीं पढ़ेंगी. पुलिस ने उनके परिजनों से संपर्क कर उन्हें वाराणसी बुलाया और सभी को उनके परिजनों को बुलाकर सुपुर्द कर दिया है.