MOTIHARI : मोतिहारी में एक महिला की हत्या के मामले में पुलिस ने तीन निर्दोष लोगों को हत्यारा बना दिया। पुलिस ने लंबी जांच के बाद मर्डर के सबूत भी इकट्ठा कर लिए और चार्जशीट में सास, ससुर और उस महिला के पति को हत्यारा साबित करते हुए कोर्ट में सजा की अपील तक कर दी। मर्डर के बाद लाश गायब करने की पुलिस की स्क्रिप्ट में तीनों आरोपी की सजा तक तय मानी जा रही थी। लेकिन इसी बीच 14 साल बाद मृतक महिला बबिता अपने सुसराल सरैया गोपाल वापस लौट आई है।
दरअसल, यह कहानी किसी फिल्म की नहीं, बल्कि पूर्वी चंपारण के पताही प्रखंड स्थित सरैया गोपाल की है। शिवहर के शिवचन्द्र राम ने वर्ष 2001 में अपनी बेटी बबिता की शादी विजय राम के साथ धूमधाम से की थी। साल 2010 में किसी के बहकावे में आकर लड़की घर से भाग गई और लड़की के परिवार वालों ने उसकी हत्या और लाश को गायब करने का मामला थाने में दर्ज करा दिया।
पुलिस जांच के नाम पर लड़के वालों के पैसे पर कभी दिल्ली, नेपाल, हरियाणा घूमती रही। जब लड़के वालों के पास पैसे खत्म हो गए तब पीड़ित रामप्रसाद राम और उनके बेटे और पत्नी को जेल भेज दिया गया। पीड़ित ने बताया कि पुलिस ने जांच के नाम पर उनसे खूब पैसे वसूले हैं। निर्दोषों के लिए पुलिस ने चार्जशीट तक तैयार कर ली थी। करीब 6-7 महीने सजा काटने के बाद परिवार को कई तरह की आर्थिक, मानसिक और सामाजिक प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी।
इसी बीच पीड़ित रामप्रसाद राम की विनती भगवान ने सुन ली और 14 साल बाद गायब महिला बबिता कुमारी अपने ससुराल वाले गांव वापस लौट आई। पुलिस ने कोर्ट में महिला का बयान दर्ज करवाया और आखिरकार हत्या के तीनो आरोपियों को न्याय मिल गया। जिस हत्या के मामले में रामप्रसाद राम जेल की सलाखों के पीछे थे, आज महिला के वापस आने से इस जंजाल से मुक्त हो गए।
महिला अब अपने ससुराल में ही रहना चाहती है। लेकिन सब कुछ खत्म हो चुका है। क्योंकि ससुराल वाले अब अपने साथ उसे रखना नहीं चाहते हैं। क्योंकि उसने पूरे परिवार को तबाह कर दिया है। रामप्रसाद राम राशन की दुकान चलाते हैं। लड़की के मिल जाने के बाद पूरा परिवार चैन की सांस ले रहा है। बबिता के पति विजय राम ने भी अब दूसरी शादी कर ली है और पत्नी को रखने के लिए वह भी तैयार नहीं है। उनका कहना है कि बबिता ने घर से भाग कर बड़ा जुर्म किया है।