बीच सड़क पर युवक ने कराया मुंडन,कहा- समस्या का निदान नहीं हुआ तो आत्मदाह कर लेंगे

बीच सड़क पर युवक ने कराया मुंडन,कहा- समस्या का निदान नहीं हुआ तो आत्मदाह कर लेंगे

DESK: भागलपुर जिले के पीरपैंती बाराहाट मुख्य मार्ग NH-133 पर सड़क पर बने गड्ढे के कारण इलाके में भीषण जमजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। जिससे लोग काफी परेशान हैं। स्थानीय लोगों ने कई बार इस समस्या को स्थानीय प्रशासन के समक्ष रखा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। अब इस भीषण जलजमाव की समस्या को लेकर लोग अपने-अपने तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। एक युवक ने भी अनोखा प्रदर्शन किया जिसे देख लोग भी हैरान रह गये। बीच सड़क पर गंदे पानी में बैठकर युवक ने पहले मुंडन करवाया फिर स्नान कर अपना विरोध जताया और सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिधियों को आइना दिखाया। 


यह तस्वीर बिहार-झारखंड बॉर्डर के भागलपुर-पीरपैंती-बाराहाट स्थित एनएच-133 का है। जहां महीनों से मुख्य सड़क तालाब में तब्दिल हो गया है। यहां से रोजाना कई मंत्री और विधायक गुजरते हैं लेकिन किसी की नजर जलजमाव वाले इस सड़क पर नहीं गयी। जहां सड़क अब गड्ढे में बदल गया है। उसमें पानी इतना भरा हुआ है कि कब गाड़ी का चक्का फंस जाए कहना मुश्किल है। कई गाड़ियां इस गड्ढे में फंसकर खराब हो चुकी है जिसके कारण सड़क जाम की स्थिति भी देखने को मिलती है। 


आपकों जानकर आश्चर्य होगा कि इस जर्जर सड़क से महज एक किलोमीटर दूर ही पीरपैंती के बीजेपी विधायक ललन पासवान का घर है। जबकि कुछ दूरी पर ही झारखंड के गोड्डा जिले के महागांवा विधायक दीपिका पांडेय का घर भी है। ऐसा नहीं हुआ होगा कि दोनों विधायक इस रास्ते से नहीं गुजरे होंगे। आज यह सड़क अपनी स्थिति पर आंसू बहा रहा है। यहां से गुजरने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन कई लोग यहां गिरकर घायल हो चुके है और कई लोगों की मौतें भी हो चुकी है लेकिन आज तक इसकी मरम्मत नहीं की गयी।


इस समस्या से परेशान होकर एक बाराहाट के रहने वाले युवक रणविजय मिश्रा ने अनोखा प्रदर्शन किया। बीच सड़क पर गंदे पानी में बैठकर उसने मुंडन कराया और जमा हुए पानी से नहाकर सराकर के खिलाफ अपना विरोध जताया। रणविजय मिश्रा ने ऐलान किया है कि यदि स्थिति नहीं सुधरी और समस्या का निदान नहीं किया गया तो वो आत्मदाह करेंगे।  सराकार और जनप्रतिनिधियों पर तंज कसते हुए रणविजय मिश्रा ने कहा कि जब चुनाव आता है तब जितने भी स्थानीय नेता है वो वोट लेने के लिए आते हैं और इस दौरान कई लुभावने वादे भी करते हैं। लेकिन जब जीत जाते है तो जनता से किया गया वादा भूल जाते है।