PATNA : कोरोना काल शुरू होने से ठीक पहले भूटान घूमने गये बिहारियों को लगभग चार महीने तक भारी शामत झेलनी पड़ी. चार महीने से वे भूटान में ही फंसे थे. उनकी बार-बार की गुहार के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें वापस लाने की मंजूरी दी. गुरूवार को भूटान से 62 बिहारी पर्य़टक वापस लाये गये. हालांकि उन्हें अभी भी किशनगंज में 14 दिनों तक क्वारंटीन रहना पड़ेगा.
मार्च में भूटान गये पर्यटक वहीं फंस गये
दरअसल कोरोना वायरस का दौर शुरू होने के दौरान ही काफी संख्या में भारत के लोग भूटान घूमने गये थे. इसी बीच केंद्र सरकार ने लॉकडाउन का एलान कर दिया. इसके बाद वे वहीं फंस गये. बाकी देशों से तो भारतीय लोगों को लौटने का इंतजाम हुआ लेकिन भूटान में फंसे लोगों पर कोई बात ही नहीं हुई. उनकी बार-बार की गुहार के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें वापस लाने की मंजूरी दी. इसके बाद बिहार के 62 लोगों को गुरुवार को दो बसों से किशनगंज लाया गया.
बिहार आये लेकिन घर नहीं जा पायेंगे
किशनगंज जिला प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक भूटान से भारतीय पर्यटकों को बस के जरिये लाया जा रहा है. बिहार के अलग-अलग जिलों के लोग इसमें शामिल हैं. लेकिन किशनगंज पहुंचने के बाद उन्हें घर नहीं भेजा जायेगा. उन सबों को किशनगंज के मोतिहारा स्थित बाबा साहेब अंबेडकर आवासीय विद्यालय लाया में रखा जाएगा. 14 दिनों के क्वारंटीन के बाद ही उन्हें अपने घर वापस जाने की इजाजत दी जायेगी. भूटान से लौटने वाले लोगों में कटिहार, पूर्णिया, अररिया, पटना, नालंदा, मुजफ्फरपुर, गया समेत बिहार के कुल 19 जिलों के पर्यटक शामिल हैं.
बिहार के अधिकारी पर्यटकों को लेकर वापस आये
किशनगंज जिला प्रशासन के मुताबिक भूटान में फंसे बिहार के 62 निवासियों को प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी द्वारा भूटान सीमा पर गेट संख्या एक जयगांव, अलीपुरद्वार से रिसीव किया गया. सभी यात्रियों का भूटान द्वार संख्या एक पर स्क्रीनिग कराया गया. इसके अलावा सभी के मोबाइल में आरोग्य सेतु एप इंस्टॉल कराया गया. इसके बाद उन्हें शारीरिक दूरी बना कर छह बसों से किशनगंज लाया गया, उन्हें किशनगंज के मोतिहारा स्थित बाबा साहेब अंबेडकर आवासीय विद्यालय में रखा गया है. 14 दिनों का क्वारंटीन पूरा करने के बाद उन्हें घर भेजने की व्यवस्था की जायेगी.