PATNA: बिहार में भूमिहारों को लेकर सियासी वार यानि जंग तेज होती जा रही है. भाजपा ने आज भूमिहारों को चेताया-राजद के झांसे में मत आइये. ब्रह्मर्षियों का बीजेपी से बड़ी हमदर्द पार्टी कोई औऱ नहीं है. लालू-राबड़ी के दौर को याद कर लीजिये. भूमिहारों को बीजेपी ने पर्याप्त सम्मान दिया है, फिर भी अगर कोई कमी रह गयी है तो उसे पूरा करेंगे.
भूमिहारों पर सियासत
दरअसल पटना में आज भूमिहार ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट ने सम्मेलन किया था. इसके आयोजकों में बीजेपी के नेता पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा, प्रकाश राय से लेकर सुधीर शर्मा, पूर्व मंत्री वीणा शाही और अजीत कुमार शामिल थे. इस सम्मेलन में बीजेपी को जमकर कोसा गया. कहा गया कि भाजपा ने भूमिहारों को बंधुआ मजदूर समझ लिया है, वोट भूमिहार दे रहे हैं और मलाई बीजेपी के खास लोग खा रहे हैं. कुछ दिनों पहले परशुराम जयंती के बहाने भी बीजेपी पर जमकर निशाना साधा गया था. जयंती समारोह में तेजस्वी यादव को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था. तेजस्वी ने कहा था कि चूड़ा-दही का मेल हो गया है. यानि यादव और भूमिहार एक साथ आ गये हैं.
बीजेपी ने कहा-सम्मान देंगे
भूमिहारों पर हो रही सियासत पर आज भाजपा जवाब देने उतरी. बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी ने आज कहा कि भूमिहार समाज के लोग राजद के झांसे में नहीं आयें. सुशील मोदी ने ट्विटर पर लिखा.
“ब्राह्मण-भूमिहार समाज को भाजपा ने हमेशा यथोचित सम्मान दिया है. वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भूमिहार समाज के 15 और ब्राह्मण समाज के 11 यानि कुल 26 लोगों को पार्टी ने टिकट दिये, जबकि राजद ने इन दोनों जातियों का अपमान करते हुए केवल एक टिकट दिया था. भाजपा ने ही भूमिहार समाज को पहली बार केंद्रीय मंत्री का पद दिया. बिहार में भाजपा कोटे से आज दो कैबिनेट मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष इसी समुदाय से हैं.”
लालू-राबडी राज को याद करें
सुशील मोदी ने कहा है, “लालू-राबड़ी राज में भूमिहार-ब्राह्मण समाज का जितना अपमान-उत्पीड़न हुआ, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता. उस दौर में जाति पता कर उनका नरसंहार हुआ और उन्हें पलायन के लिए मजबूर किया गया था. ऊंची जातियों को 10 फीसदी आरक्षण देने का विरोध करने वाली लालू प्रसाद की पार्टी आज किस मुँह से भूमिहार-ब्राह्मण समाज की हितैषी बन रही है?
गलती हुई है तो सुधारा जायेगा
सुशील मोदी ने कहा है कि भूमिहार समाज आज भी बीजेपी के साथ है. विधान परिषद का एक चुनाव या उपचुनाव किसी दल पर किसी समाज के भरोसे का एकमात्र पैमाना नहीं हो सकता. सबको पता है कि परिषद के चुनाव किस आधार पर होते हैं. सुशील मोदी ने कहा है कि हाल के चुनावों में यदि बीजेपी से कोई गलती हुई है तो उसे सुधारा जाएगा और सम्मान देने में कोई कमी नहीं की जाएगी.