DESK: भारत में आखिरकार बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन के उपयोग की मंजूरी मिल गयी है. 12 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ये वैक्सीन लगायी जा सकेगी. DGCI ने आज भारतीय कंपनी जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है. कैडिला की वैक्सीन जायकोव-डी को इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल गयी है. यह वैक्सीन 12 साल औऱ उससे ज्यादा उम्र के लोगों को लगायी जा सकेगी.
क्या है जायकोव-डी
कैडिला की वैक्सीन जायकोव-डी डीएनए बेस्ड वैक्सीन है. ये दुनिया की पहली वैक्सीन है जो DNA बेस्ड है. जायडस कैडिला ने बताया कि उसने इस वैक्सीन के लिए सबसे बडा क्लीनिकल ट्रायल किया है. भारत में 50 से ज्यादा जगहों पर इस वैक्सीन का ट्रायल किया गया. ट्रायल के नतीजे बेहद अच्छे आये, जिसकी पूरी जानकारी DGCI को दी गयी है.
तीन डोज वाली वैक्सीन
भारत में अब तक कोरोना की जो भी वैक्सीन लगायी जा रही है वह डबल डोज वाली वैक्सीन है. देश में अभी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीच्यूट की वैक्सीन कोवीशील्ड औऱ रूस की वैक्सीन स्पूतनिक-V का इस्तेमाल किया जा रहा है. तीनों डबल डोज वाली वैक्सीन है. जॉनसन एंड जॉनसन और स्पुतनिक लाइट जैसी सिंगल डोज वैक्सीन को भी भारत में इस्तेमाल करने की मंजूरी दी गयी है जो जल्द ही देश में आ सकते हैं. ये दोनों सिंगल डोज वाली वैक्सीन हैं.
लेकिन जायडस कैडिला की ये वैक्सीन तीन डोज वाली वैक्सीन है. कैडिला की वैक्सीन जायकोव-डी के तीन डोज लगाए जाएंगे. कैडिला ने इस वैक्सीन के ट्रायल के दौरान पाया कि वैक्सीन की तीन डोज लगाने पर ये ज्यादा लंबे समय तक इम्युनिटी को मजबूत बनाये रखती है. हालांकि कंपनी ये कोशिश कर रही है कि डबल डोज वाले वैक्सीन को बनाया जाये. जल्द ही उसके परिणाम सामने आ सकते हैं.