भागलपुर में पुल गिरने से करोड़ों का हुआ नुकसान, बोले मंत्री नितिन नवीन- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, चिराग ने पूछा- ऐसा बिहार में ही क्यों होता है?

भागलपुर में पुल गिरने से करोड़ों का हुआ नुकसान, बोले मंत्री नितिन नवीन- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, चिराग ने पूछा- ऐसा बिहार में ही क्यों होता है?

DESK: भागलपुर के सुल्तानगंज में करीब 1,710 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले अगुवानी पुल तेज आंधी को नहीं झेल सका और शुक्रवार को धराशायी होकर पुल गिर गया। इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है। गंगा नदी पर बन रहा अगुवानी पुल मुख्यमंत्री नीतीश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। 


पुल गिरने के मामले पर पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन का कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करायी जाएगी। इस मामले में जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। यह बैलेसिंग ब्रिज था जिस पर बैलेंसिंग का काम पूरा नहीं हुआ था। पुल के पिलर पर ज्यादा दबाव के कारण देर रात  करीब ढाई बजे तेज आंधी आई और यह पुल गिर पड़ा। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि आइआइटी, रूड़की व पटना एनआइटी की टीम संयुक्त रूप से यह जांच करेगी कि पुल किन वजहों से ध्वस्त हुआ। अगर निर्माण में लापरवाही सामने आती है तो हर हाल में इसके लिए दोषी पर कार्रवाई होगी। अभी यह कहना संभव नहीं कि किस वजह से निर्माणाधीन संरचना ध्वस्त हुई है। 


वही इसे लेकर लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सरकार को एक बार फिर घेरा है। चिराग पासवान ने कहा कि मुख्यमंत्री जी इसका जवाब दें? पुल का टूटना भष्ट्राचार का मापदंड नहीं है तो और क्या है? चिराग ने पूछा कि पुल बिहार में ही क्यों टूटते हैं? कही ना कही भष्टाचार हुआ है। निर्माण कार्य में मिलावट हुई है। गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया गया है। सबसे ज्यादा अफसोस की बात यह है कि पिछली किसी भी घटना में कार्रवाई नहीं हो पाती है। किसी की जवाबदेही तय नहीं होती है। इसलिए इस तरह के हादसे होते है। 


वही लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव द्वारा 9 पत्रकारों को नोटिस भेजे जाने चिराग पासवान ने कहा कि यह तेजप्रताप का व्यक्तिगत फैसला है। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है उनके पास पूरी आजादी है अपनी बातें रखने की। यदि किसी को ऐसा लग रहा है कि इससे उनके मान सम्मान को यदि ठेस पहुंच रही है तो संभवत इस वजह से उन्होंने कार्रवाई की होगी। पर साच को आच नहीं वाली बात है। यदि कोई सच्चा है तो मुझे नहीं लगता इससे डरने की बात है। 


चिराग ने कहा कि पत्रकारों के साथ इस तरीके से करना मेरे हिसाब से उचित नहीं है। वही भविष्य में  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ आने के सवाल पर चिराग ने कहा कि व्यक्ति संबंध और राजनीतिक संबंध अलग होते है। दोनों को अलग रखा जाना चाहिए। व्यक्तिगत संबंधों को राजनीतिक संबंधों से ऊंचा रखना चाहिए। मेरे पिता जी के साथ नीतीश कुमार जी काम किए है। मेरे लिए उम्र और तजुर्बे में हमसे बहुत बड़े है।