BHAGALPUR: भागलपुर के एएसपी शुभम आर्य के सरकारी ड्राइवर ने उन पर गंभीर आरोप लगाये हैं. ड्राइवर ने कहा है कि एएसपी सिटी ने उनके साथ जो सलूक किया है वह बर्दाश्त करने लायक नहीं है. पूरे पुलिस महकमे में उसकी इज्जत चली गयी है. दुखी होकर ड्राइवर ने कहा है कि अब ऐसी नौकरी नहीं करनी है जहां इज्जत ही नहीं बचे।
ड्राइवर से कान पकड़वा कर उठक बैठक कराया
भागलपुर एएसपी सिटी शुभम आर्य के सरकारी वाहन चालक विकास महतो ने उन पर दुर्व्यवहार करने और कान पकड़करउठक बैठक कराने का आरोप लगाया है. विकास महतो होमगार्ड के जवान हैं और उन्हें एएसपी की सरकारी गाड़ी चलाने के लिए लगाया गया है. अब एएसपी के सलूक से बेहद आहत चालक ने साफ कह दिया कि उन्हें ऐसी नौकरी नहीं करनी है।
चालक विकास महतो ने बताया कि उनके साथ बुधवार को बेहद बुरा सलूक किया गया. बुधवार को वे एएसपी कार्यालय से उनके आवास पर लेकर गये. वहां एएसपी खाना खाने घर के अंदर चले गये. ड्राइवर ने देखा कि साहब खाना खा रहे हैं इस बीच अपना एक काम निपटा लिया जाये. विकास महतो ने बताया कि उन्होंने आवास पर मौजूद एएसपी के बॉडीगार्ड को ये बता दिया कि वह अपना एक चप्पल बदल कर थोडी देर में वापस लौट कर आ रहे हैं. कुछ ही देर में वापस लौटने की बात कह कर चालक वहां से निकल गये।
ड्राइवर विकास महतो का कहना है कि जब वह चप्पल बदल कर वापस लौटे तो एएसपी आग बबूला थे. एएसपी सिटी ने पहले तो अपशब्द कहे फिर कहा कि वह कान पकड़कर उठक-बैठक करे. एएसपी के डर से ड्राइवर को कान पकड़ कर उठक बैठक करनी पड़ी. फिर एएसपी ने गाड़ी लेकर फिर से अपने दफ्तर चलने को कहा।
इज्जत से बढ़कर नौकरी नहीं
चालक विकास महतो ने कहा कि अब उन्होंने तय कर लिया है कि ऐसी नौकरी नहीं करनी. जब इज्जत ही नहीं बची तो नौकरी क्या करना. चालक ने कहा कि पिछले एक महीने से वह 24 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं. एक दिसंबर के बाद वे अपने घर नहीं गये. घर से बेटा खाना लेकर आता है वही खाकर वह एएसपी की ड्यूटी बजा रहे हैं. इस मेहनत का फल यही मिला कि सरेआम इज्जत चली गयी. ड्राइवर ने कहा है कि वह इस बात की शिकायत बड़े अधिकारियों से करेंगे. होमगार्ड जवानों के संगठन में भी इस शिकायत को ले जायेंगे।
उधर एएसपी ने शुभम आर्य ने आरोपों को गलत बताया है. उन्होंने कहा है कि ड्राइवर से कान पकड़वा कर उठक बैठक कराने का आरोप पूरी तरह से गलत है. उन्होंने ड्राइवर को बुलाया है ताकि पूरे मामले की जानकारी ले सकें।