ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड मामले में 8 लोगों को नोटिस, LJP(R) के नेता का नाम भी शामिल;अब इस दिन होगी सुनवाई

 ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड मामले में 8 लोगों को नोटिस, LJP(R) के नेता का नाम भी शामिल;अब इस दिन होगी सुनवाई

रणवीर सेना के हेड ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में आज पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अब इस मामले में कोर्ट ने आठ आरोपियों को नोटिस जारी किया है। इन लोगों को अगली सुनवाई के दौरान खुद पेश होने या फिर अपने वकील के माध्यम से अपना पक्ष रखने को कहा गया है। इस मामले में सुनवाई जस्टिस संदीप कुमार ने की। इसके बाद अब इस मामले की सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगी। 


पटना हाईकोर्ट ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई यहां चल रही है लिहाजा आरा कोर्ट में चल रहे इस हत्याकांड के ट्रायल पर भी रोक जारी रहेगी। इसे पहले लोअर कोर्ट में चल रहे केस के ट्रायल पर पहली बार 15 जुलाई को रोक लगाई थी। इस मामले में बिहार पुलिस की जांच में शुरुआती तौर पर 4 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था। इसमें अभय पांडेय, नंद गोपाल पांडेय, प्रिंस पांडेय और रितेश कुमार सिंह का नाम शामिल था।  इसके बाद सीबीआई के तरफ से जो चार्जशीट दाखिल की गई थी उसमें लोजपा (रामविलास )संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष व बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य हुलास पांडेय, अमितेश कुमार पांडेय, बालेश्वर राय और मनोज राय को आरोपी बनाते हुए नामजद किया गया।


पिछले साल दिसंबर महीने में CBI ने आरा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था।अपनी चार्जशीट में जांच एजेंसी ने बताया कि हुलास पांडेय ने सात अन्य आरोपियों के साथ मिलकर ब्रह्मेश्वर नाथ सिंह उर्फ ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्याकांड की साजिश रची थी। इस चार्जशीट के बाद हुलास पांडेय ने पार्टी में मिले पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, कोर्ट ने इस मामले में ट्रायल शुरू होने के बाद बिना कोर्ट के आदेश के सीबीआइ द्वारा जांच करने को गलत माना है। कोर्ट के इस फैसले से जहां पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय और अन्य आरोपितों को राहत मिली है, वहीं सीबीआइ को बड़ा झटका लगा है। 


आपको बताते चलें कि 1 जून 2012 को आरा के नवादा थाना क्षेत्र के कतीरा मोहल्ला स्थित अपने आवास से कुछ ही दूरी पर ब्रह्मेश्वर मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद मुखिया के समर्थकों में आक्रोश भड़क उठा था। आरा से पटना तक उनकी शवयात्रा में शामिल समर्थकों ने बदले की भावना से कई जगहों पर हिंसा और आगजनी भी की थी। लगभग 10 साल बाद सीबीआई ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। हालांकि, स्पेशल कोर्ट ने चार्जशीट को गलत मानते हुए खारिज कर दिया। अब इस मामले में अगली सुनवाई 30 अप्रैल को होनी है।