पुल तो बच गया लेकिन बह गई सड़क: एक साल के भीतर दोबारा ध्वस्त हुआ एप्रोच पथ, ग्रामीणों ने लगाए ये गंभीर आरोप

पुल तो बच गया लेकिन बह गई सड़क: एक साल के भीतर दोबारा ध्वस्त हुआ एप्रोच पथ, ग्रामीणों ने लगाए ये गंभीर आरोप

PURNEA: बिहार में पुलों के ध्वस्त होने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। हर दिन राज्य के किसी न किसी कोने से पुल और पुलिया के धराशायी होने की खबरें सामने आ रही हैं। पुलों के बाद अब सड़क भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे हैं। पूर्णिया में एक साल के भीतर दूसरी बार एक पुलिया का एप्रोच पथ बह गया। ग्रामीणों ने निर्माण एजेंसी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।


दरअसल, पूर्णिया के अमौर प्रखंड क्षेत्र में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत सड़क सहित पुल का निर्माण कराया गया था। लालटोली हाट से रंगरैय्या के बीच उच्चस्तरीय पुल सहित बॉक्स पुल का निर्माण कार्य हुए दो वर्ष हुआ हैं लेकिन एक वर्ष के अंदर दोबारा पुल का एप्रोच पथ ध्वस्त हो गया है। बारिश के कारण एप्रोच पथ के ध्वस्त होने से इस मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया है।


इस पुल की लंबाई 69.91 मीटर एवं एप्रोच की लंबाई 100 मीटर है। ग्रामीणों ने संवेदक पर पुल निर्माण कार्य में अनियमितता का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का आरोप है कि संवेदक के द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं करवाया गया है, जिसके कारण एक ही बारिश में जगह जगह रैनकट बन गया है। सड़क पर बने पुल का एक तरफ का एप्रोच पथ एक साल में दोबारा ढह गया है। 


एप्रोच पथ बहने से आवागमन बाधित हो गया है। ग्रामीणों ने बताया कि 13 जुलाई 2023 को इसी जगह पर पुल का एप्रोच पथ ध्वस्त हो गया था। एक साल बाद इसी जगह पर दोबारा पुल का एप्रोच ध्वस्त हो गया है। ग्रामीणों ने कहा कि कई गांव के 10 हजार की आबादी का आवागमन का मुख्य मार्ग है। ग्रामीणों ने इसकी जांच की मांग सरकार से की है।