बड़ी खबर : सोनिया गांधी से हुई सीएम नीतीश की बातचीत, आखिर बिहार में क्या होने वाला है?

बड़ी खबर : सोनिया गांधी से हुई सीएम नीतीश की बातचीत, आखिर बिहार में क्या होने वाला है?

PATNA : बिहार के सियासी गलियारे से जुड़ी इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। फर्स्ट बिहार ने आपको बताया था कि बिहार में सियासी खेल को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच रात के अंधेरे में मुलाकात हुई है। और अब हम आपको बताने जा रहे हैं कि...


पिछले दिनों कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी से भी नीतीश कुमार की फोन पर बातचीत हुई है। इन दोनों नेताओं के बीच जो बातचीत हुई है। उसकी जानकारी कांग्रेस पार्टी से जुड़े विश्वस्त सूत्रों ने दी है। माना जा रहा है कि ईडी की तरफ से सोनिया और राहुल के खिलाफ जो एक्शन लिया गया और जिस तरह नेशनल हेराल्ड केस में दोनों से पूछताछ की गई। कांग्रेस भी इस मसले पर सड़क पर उतरी। इसी प्रकरण के बीच नीतीश कुमार की बातचीत सोनिया गांधी से हुई है।


सूत्रों की माने तो नीतीश और सोनिया के बीच हुई बातचीत में बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को लेकर भी चर्चा हुई है। बीजेपी की मौजूदा कार्यशैली पर भी दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई है। इसी बातचीत के बाद आरजेडी की तरफ से बुलाए गए प्रतिरोध मार्च में कांग्रेस के शामिल होने का रास्ता साफ हुआ है। 


आपकों यह भी बता दें कि नीतीश कुमार और लालू यादव की भी बातचीत से पिछले कई मौकों पर हुई है। और यह बिहार में बदलते हुए सियासी समीकरण का बड़ा संकेत माना जा रहा है। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी ने नीतीश कुमार को भरोसा दिया है कि किसी भी विपरीत परिस्थिति के लिए उनकी पार्टी बिहार में जेडीयू के साथ खड़ी रहेगी। हालांकि स्थानीय नेताओं को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।


पिछले कुछ अर्से से नीतीश कुमार ने जिस तरह बीजेपी से दूरी बना रखी है। इसी बीच लगातार यह कयास लगाया जा रहा है कि नीतीश पाला बदल सकते हैं। तेजस्वी यादव से उनकी मुलाकात की खबरों का भी अब तक ना तो जेडीयू ने और ना ही आरजेडी ने खंडन किया है। दोनों नेताओं के बीच जो बातचीत हुई उसमें राजनीतिक भविष्य के फार्मूले पर चर्चा होने की खबर है। 


ऐसे में बिहार के अंदर आने वाले किसी बड़े सियासी क्लाइमेक्स को लेकर सोनिया और नीतीश की बातचीत को देखा जा रहा है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर ईडी ने शिकंजा कसा। कांग्रेस से इस मसले पर भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार के ऊपर गंभीर आरोप लगा रही है। कांग्रेस का कहना है कि राजनीतिक मकसद से कांग्रेस अध्यक्ष और उनके परिवार के ऊपर एक्शन लिया जा रहा है।


सियासी गलियारों में यह चर्चा भी है कि आने वाले वक्त में नीतीश कुमार अगर पाला बदलते हैं तो वह यूपीए के संयोजक हो सकते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर नीतीश कुमार को एक बड़ी भूमिका दी जा सकती है। नीतीश कुमार ने जिस तरह नीति आयोग की बैठक से दूरी बनाई वह भी अपने आप में कई सवाल खड़ा करता है।