PATNA : विधान परिषद चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल ने भले ही 6 सीटों पर जीत हासिल की हो लेकिन तेजस्वी यादव इस चुनाव में सबसे बड़े गेनर के तौर पर उभर कर निकले। अब आरजेडी के लिए एक और अच्छी खबर है। नवादा सीट पर पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल करने वाले निर्दलीय एमएलसी अशोक यादव आरजेडी में शामिल हो सकते हैं। दरअसल, अशोक यादव पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव के भतीजे हैं। अपनी जीत के बाद निर्दलीय एमएलसी अशोक यादव ने कहा है कि उनके भविष्य का फैसला राजबल्लभ यादव करेंगे।
अशोक यादव ने नवादा सीट पर दावेदारी पेश की थी लेकिन आरजेडी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। राजबल्लभ यादव का भतीजा होने के कारण अशोक यादव ने कदम पीछे नहीं खींचा और राजबल्लभ के बूते ही उन्होंने विधान परिषद चुनाव में जीत हासिल की। अब जब उनके भविष्य को लेकर सवाल किया जा रहा है तो उन्होंने दो टूक कह दिया है कि भविष्य को लेकर कोई भी फैसला चाचा राजबल्लव ही करेंगे।
राजबल्लभ यादव दुष्कर्म के मामले में फिलहाल जेल में हैं। पिछला चुनाव उनकी पत्नी विभा देवी ने लड़ा था और फिलहाल वह आरजेडी से विधायक हैं। ऐसे में इस बात की संभावना नहीं दिखती कि अशोक यादव को राजबल्लभ यादव आरजेडी छोड़कर कहीं और जाने के लिए कहेंगे। जाहिर है उम्मीदवार के चयन में चूक होने के कारण भले ही आरजेडी सीट पर हार गई हो लेकिन बागी उम्मीदवार ने जीत हासिल कर तेजस्वी का ही हाथ मजबूत किया है। अब देखना होगा राजबल्लभ का निर्देश अशोक यादव तक पहुंचता है और कब वह आरजेडी के साथ आते हैं। अगर अशोक यादव आरजेडी के साथ आए तो नए विधान पार्षदों की संख्या 6 से बढ़कर 7 हो जाएगी। फिलहाल विधान परिषद में आरजेडी के सदस्यों की संख्या 11 है।