PATNA: बागेश्वर धाम के संत पंडित धीरेंद्र शास्त्री 13 से 17 मई तक बिहार में रहेंगे। इस दौरान पटना के नौबतपुर में उनका पांच दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाना है लेकिन उनके दौरे से पहले बिहार में सियासी संग्राम छिड़ गया है। आरजेडी के नेता धीरेंद्र शास्त्री के दौरे का विरोध कर रहे हैं। लालू प्रसाद के बड़े बेटे और मंत्री तेजप्रताप यादव के साथ साथ आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इसको लेकर आपत्ति जताई है। इसी बीच बीजेपी सांसद सुशील मोदी आरजेडी की आपत्ति पर कड़ी नाराजगी जताई है। सुशील मोदी ने पूछा है कि जब ओवैसी को बिहार में आने की इजाजत है तो धीरेंद्र शास्त्री का विरोध क्यों किया जा रहा है।
सुशील मोदी ने कहा है कि जगदानंद सिंह का बयान काफी आपत्तिजनक और समाज में जनाव पैदा करने वाला है। बाबा बागेश्वर धाम की सभा में लाखों की संख्या में लोग शामिल होते हैं। पता नहीं कौन लोग आयोजक हैं और किसने उन्हें बिहार बुलाया है। अगर जहर उगलने वाले ओवैसी को बिहार आने की इजाजत मिल सकती है तो धीरेंद्र शास्त्री जैसे संत के आने से इतनी आपत्ति क्यों हो रही है। धीरेंद्र शास्त्री कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं और ना ही वोट मांगने के लिए बिहार आ रहे हैं।
सुशील मोदी ने कहा कि यह वही जगदानंद सिंह हैं जिन्होंने कभी कहा था कि नफरत की जमीन पर राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। जिनकों श्रीराम का भव्य मंदिर नफरत की जमीन पर बनती दिख रही हो तो उनकी बात ही अलग है। हिंदू देवी देवताओं और संतों का अपमान करने की इनकी पुरानी संस्कृति रही है लेकिन हिंदू समाज के लोग इसको कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।
वहीं रामनवमी हिंसा मामले में रोहतास के बीजेपी के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने पहले साजिश रची कि अमित शाह की रैला सासाराम में न हो और उसके एक महीना बाद बीजेपी के वैसे नेता को गिरफ्तार किया जाता है जो पांच बार विधायक रह चुके हैं और कुशवाहा समाज का बड़े नेता हैं। सुशील मोदी ने पूछा कि पूर्व विधायक का नाम एफआईआर में क्यों नहीं था। कई केस दर्ज किए गए लेकिन कहीं भी उनके नाम की चर्चा नहीं थी। जिन लोगों ने राम भक्तों पर पत्थर बरसाए और बम बिस्फोट किया उन्हें छोड़कर पत्थर खाने वाले लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री अपनी बातों को सच साबित करने के लिए बीजेपी के लोगों को गिरफ्तार करा रहे हैं।