POORVI CHAMPARAN : बिहार का पूर्वी चंपारण इन दिनों चावल घोटाले को लेकर काफी सुर्खियों में हैं। जहां सरकार यह दावा करती है की उसके द्वारा बच्चों के मिड डे मील के लिए पुरजोर मात्रा में चावल दिया जा रहा है। लेकिन, हकीकत यह है कि स्थानीय अधिकारी और ठेकेदार आपस में मिलकर बच्चों के लिए मिलने वाले मिड डे मील पर भी गिद्ध की नजर जमाए बैठे हैं।
इससे जुड़ा एक ताजा मामला पूर्वी चंपारण का है। जहां मिड डे मिल की कालाबाजारी को लेकर जिला प्रशासन की ओर से शुरू किये गए एक्शन में पुलीस ने भाजपा विधायक लालबाबू प्रसाद के प्रतिनिधि के घर से 39 बोरा मिड डे मिल योजना का चावल बरामद किया है। दरअसल, पीछले दिनों पूर्वी चंपारण के पताही प्रखंड में चावल कालाबाजारी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके इस विडियो पर संज्ञान लेते हुए पकड़ीदयाल एसडीओ ने यह निर्देश दिया था इसके पीछे किनका हाथ है, इसकी जांच पुलीस द्वारा अपने स्तर से करवाया जाए, जिसके उपरांत पुलिस टीम ने छापेमारी कर 39बोरी मिड डे मील का चावल भाजपा विधायक के प्रतिनिधि के घर से बरामद किया है। पुलिस ने आरोपी अभय प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने आदेश जारी करते हुए चावल सप्लाई करने वाले ठेकेदार को निलंबित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, बिहार में मिड डे मील योजना के तहत सरकारी स्कूलों में मिलने वाले चावल के घोटाले का काम कोरोना काल के दौरान शुरू हुआ है। जब इस संक्रमण को लेकर सरकार ने यह निर्देश जारी किया था कि बच्चों को सुखा अनाज ही वितरित किया जाएगा। तभी मार्च 2022 में हुए खुलासे के बाद पताही प्रखंड के चार स्कूलों में मिड डे मिल की जांच की गई। जिसमें 228 क्विंटल चावल घोटाले का खुलासा हुआ था। ऐसा कहा गया था कि बच्चों को मिलने वाले इस अनाज को लेकर स्थानीय अधिकारियों ने ठेकेदारों की चांदी हो गई। आपसी साठ - गांठ कर इन लोगों ने काफी मात्रा में इन अनाजों को बाजार में बेच दिया । हालांकि,अब जब सरकार सतर्क हुई है तो इनके इस काले कारनामों की पोल खुल रही है और इस काम में शामिल लोगों को सलाखों के पिछे भेजा जा रहा है।