अयोध्या की तर्ज पर बिहार में भी भव्य दीपोत्सव, 7.51 लाख दीपों से जगमग हुआ पवित्र गंगा का तट

अयोध्या की तर्ज पर बिहार में भी भव्य दीपोत्सव, 7.51 लाख दीपों से जगमग हुआ पवित्र गंगा का तट

MUNGER: दिवाली से एक दिन पहले भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में हर वर्ष भव्य दिपोत्सव का आयोजन किया जाता है। छोटी दीपावली की शाम राम की पैड़ी पर 22 लाख 23 हजार दीपों को जलाकर अयोध्या ने एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। अयोध्या की तर्ज पर बिहार के मुंगेर में भी दीपोत्सव का आयोजन किया गया। मुंगेर के गंगा तट पर 7 लाख 51 हजार दीप जलाए गए।


दरअसल, मुंगेर जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर बरियारपुर प्रखंड के एनएच 80 पे गंगा तट पर बसे कल्याणपुर गांव स्थित बड़ी देवी महारानी के प्रांगण में बिहार का सबसे बड़ा दीपोत्सव का यूथ क्लब कल्याणपुर, काली पूजा समिति, बड़ी दुर्गा मंदिर समिति सहित ग्रामीणों के द्वारा आयोजन किया गया। बड़ी देवी प्रांगण से लेकर पूरे गंगा तट और एनएच 80 तक 7 लाख 51 हजार दिए जलाए गए। इस दीपोत्सव में भागलपुर प्रक्षेत्र के डीआईजी, मुंगेर डीएम, मुंगेर एसपी के साथ साथ आयोजक और मुंगेर सांसद और भी इस दीपोत्सव का वीडियो कॉल के माध्यम से दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया।


दीपोत्सव के पूर्व गंगा महाआरती का भी आयोजन किया गया। इस दीपोत्सव की भव्यता देखते ही बन रही थी। बिहार के इस सबसे बड़े दीपोत्सव में इलाके वासियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। 7 लाख 51 हजार दीपक जलाने के लिए मुंगेर के कई प्रखंड के अलावा अन्य प्रदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु कल्याणपुर पहुंच दीपो को जलाया। इस दीपोत्सव में महिलाएं एवं बच्चे के साथ साथ ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिला, जो सभी भेद भाव को भुला दीपोत्सव में दीप जलाने को लेकर अपना सहयोग दे रहे थे। यह दीपोत्सव में लगभग 7 एकड़ गंगा तट के  साथ साथ गांव के गली चौराहा सभी जगमगा उठे। इन दियों को जलाने में एक सौ किलो गाय का घी, 10 हजार लीटर तिल का तेल उपयोग किया गया।


आयोजक समिति के सदस्य ने बताया की बिहार के सबसे बड़े दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन सबसे पहले वर्ष 2019 में 1 लाख दिए जला कर किया गया था। जिसके बाद वर्ष 2020 में 2 लाख 51 हजार, वर्ष 2021 में 5 लाख दीप जलाकर भव्य दीपोत्सव का आयोजन हुआ। पूर्व के वर्ष 2022 में 6 लाख दीप जलाकर बिहार का सबसे बड़ा दीपोत्सव मनाया गया था। इस बार 2023 में 7 लाख 51 हज़ार दीप जलाकर बिहार का सबसे बड़ा दीपोत्सव मनाया गया। इस दीपोत्सव की चर्चा बिहार ही नही बल्कि बिहार के बाहर भी हो रही है।