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BHAGALPUR : बिहार की पुलिस हमेशा अपनी हरकतों को लेकर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। ऐसे में अब एक ताजा मामला राजधानी पटना से जुड़ा हुआ निकल कर सामने आया है। जहां निजी वाहन खासकर ऑटो से अभियुक्तों को कोर्ट और फिर जेल ले जाना एक बार फिर पुलिस को महंगा पड़ गया। बिहार के भागलपुर जिले में विशेष केंद्रीय कारा के गेट के पास से ही पुराने कांड का अभियुक्त और कोर्ट का वारंटी विकेश कुमार पुलिस को चकमा देकर भाग निकला।
वहीं, वारंटी के भाग निकलने की घटना को लेकर सबौर थाना के सिपाही मुकेश कुमार महतो के बयान पर तिलकामांझी थाना में केस दर्ज किया गया है। इससे पहले भी ऑटो से अभियुक्त के भागने की घटना हो चुकी है। घटना को लेकर केस दर्ज कराने वाले सिपाही मुकेश कुमार ने थाने में दिए आवेदन में बताया है कि लैलख के रहने वाले वारंटी को गिरफ्तार करने के बाद एडीजे की अदालत में प्रस्तुत किया गया।
वहां पर प्रक्रिया पूरी होने और कोर्ट का आदेश मिलने के बाद वारंटी को कैंप जेल पहुंचाने को निकले। जेल पहुंचने के बाद पता चला कि वारंटी की मेडिकल जांच रिपोर्ट नहीं है। उसके बाद फिर उसे ऑटो में बिठाकर न्यायालय आए और वहां जमा किए गए मेडिकल जांच रिपोर्ट की कॉपी लेकर दोबारा अभियुक्त को लेकर जेल पहुंचाने जा रहे थे। जेल गेट के पास ब्रेकर पर ऑटो की रफ्तार कम होते ही अभियुक्त भाग निकला। उसे पकड़ने की कोशिश हुई पर वह भागने में सफल रहा।
उधर, वारंटी के पुलिस अभिरक्षा से भागने के बाद कई सवाल उठे हैं। जब वारंटी को हथकड़ी लगाई गई थी तो क्या उसकी जांच नहीं की गई वह ठीक से लगी है या नहीं। हाथ से जब वह हथकड़ी निकाल रहा था तो पुलिसकर्मी की नजर उसपर क्यों नहीं पड़ी। इसके अलावा एक सवाल यह भी बन रहा है कि अभियुक्त को हमेशा सीट पर बीच में बिठाया जाता है और उसके दोनों तरफ पुलिस वाले होते हैं। ऐसे में सवाल है कि वारंटी को क्या साइड में बिठाया गया था। अगर वह बीच में बैठा था तो पुलिसकर्मी के आगे से निकलकर ऑटो से कैसे भाग सकता है।