AURANGABAD : नाबालिग छात्रा की हत्या मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में मृतका का प्रेमी, सहेली और सहेली की मां शामिल है। सदर एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने बताया कि मृत छात्रा 12 जून को अचानक गायब हो गयी थी। 14 जून को इंद्रपुरी बराज से उसकी लाश बरामद की गयी। जिसके बाद मृतका की मां ने तीनों के खिलाफ केस दर्ज कराया था और कार्रवाई की मांग की थी।
मृतका की मां ने आरोप लगाया था कि उनकी को बेटी को उसके प्रेमी से मिलाने का काम उसकी सहेली और सहेली की मां करती थी। जिसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों से पूछताछ की जा रही है। वही पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है। दरअसल मामला बीते मंगलवार का है जब एक नाबालिग छात्रा अपने घर से कोचिंग के लिए निकली लेकिन वापस घर नहीं लौटी। छात्रा के समय पर घर नहीं लौटने के बाद परिजन उसकी खोजबीन करने लगे। पूरे दिन खोजबीन होती रही लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। थक-हारकर परिजनों ने नबीनगर थाना में उसकी गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज करा दी। मोबाइल चैट से मां को अपहरण की आशंका हुई। नाबालिग छात्रा की मां ने प्राथमिकी में अपनी बेटी के अपहरण का आरोप लगाया है।
प्राथमिकी में मां ने कहा कि मंगलवार को उनकी बेटी सुबह 6:15 बजे घर से कोचिंग जाने के लिए निकली थी। लेकिन कोचिंग का समय समाप्त होने के बावजूद वह घर नहीं लौटी तो हमलोग उसकी खोजबीन करने लगे। इस दौरान जब घर के मोबाइल की जांच की गई तो मोबाइल में पास के ही गांव के एक लड़के का नंबर मिला। मोबाइल में सोमवार की रात 10:30 बजे लड़की और बगल के गांव के एक लड़के के बीच चैट था। यही नहीं, उस मोबाइल नंबर से लड़की की उस लड़के से हमेशा बात भी होती थी। उन्होंने यह भी कहा कि मेरी बेटी की एक सहेली, जो अक्सर हमारे घर आती थी। उसकी सहेली को भी फोन किया लेकिन उसकी मां ने उससे बात कराने से इनकार कर दिया।
लड़की की सहेली और उसकी मां व बगल के गांव के युवक पर लड़की को अगवा करने का शक उसके मोबाइल चैट व सहेली की मां द्वारा बेटी से बात कराने से इनकार के बाद हुआ। छात्रा की मां ने बगल के गांव के एक युवक, बेटी की सहेली और उसकी मां पर अपहरण करने का आरोप लगाया। तीनों की भूमिका को संदिग्ध बताया। मां का कहना है कि उसकी बेटी का अपहरण इन्ही तीन लोगों ने मिलकर किया है। तीन दिन बाद रोहतास के इंद्रपुरी बराज के पास एक नहर से उसकी लाश मिलने के बाद सनसनी फैल गयी। घटना के तीन दिन बाद शुक्रवार को छात्रा का शव बगल के रोहतास जिले के इंद्रपुरी सोन बराज के पास नहर से बरामद हुआ है। लाश मिलने की सूचना पर मौके पर परिजन पहुंचे। शव को देखते ही परिजनों के बीच हाहाकार मच गया।
शव मिलते ही परिजनों व स्थानीय लोगों ने नबीनगर में सड़क जाम कर उसके हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग शुरू कर दी। छात्रा का शव मिलते ही गुस्साए स्थानीय लोगों व परिजनों ने शव के साथ नबीनगर में सड़क जाम कर दिया और जमकर हंगामा किया। इस दौरान काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने सड़क जाम हटवाया। मामले में शामिल अभियुक्तों की गिरफ्तारी का आश्वासन भी दिया गया। तब जाकर जाम हटाया जा सका। घटना के बाद से हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दो दिनों तक नबीनगर बाजार को भी बंद रखा गया। घटना के विरोध में नबीनगर से लेकर औरंगाबाद जिला मुख्यालय में कैंडल मार्च भी निकाला गया।
औरंगाबाद के पूर्व सांसद सुशील सिंह ने भी एसआइटी गठित कर इसकी जांच व हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग की। पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि हमारे अत्यंत करीबी ऊर्जावान कार्यकर्ता की सुपुत्री के साथ घिनौनी घटना की सूचना पर उन्होंने औरंगाबाद की एसपी स्वपना गौतम मेश्राम से दूरभाष पर बात कर इस हृदय विदारक घटना के कारणों की जांच एसआईटी गठित कर जल्द से जल्द कराने तथा अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार करने को कहा है। यह घटना बहुत ही दुखद और अत्यंत पीड़ादायक है। भगवान छात्रा को अपने श्री चरणों में जगह दे और पूरे परिवार को दुःख यह सहने की शक्ति प्रदान करें।
छात्रा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद औरंगाबाद के सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ)-1 संजय कुमार पांडेय शनिवार को मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे एसिड अटैक की बात को अफवाह बताया। उन्होंने कहा कि लोग अफवाह पर ध्यान न दें। छात्रा की मौत डूबने से हुई है। यह हत्या या आत्महत्या का मामला हो सकता है। पुलिस मामले की सभी एंगल से जांच कर रही है। उन्होंने एसिड अटैक की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि छात्रा के चेहरे से मांस के उघड़ने की वजह शव का तीन दिन तक पानी में डूबा रहना है। साथ ही शव को पानी से निकालने में शरीर के कुछ हिस्सों से मांस भी उघड़ गया है। साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका के पेट में पानी पाए जाने की बात है, जिससे स्पष्ट है कि छात्रा की डूबने से मौत हुई है। यह आत्महत्या या हत्या का मामला हो सकता है। मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है। एसआईटी शीघ्र ही पूरा मामला उजागर कर देगी।
एसडीपीओ-1 के बयान के बाद बिहार के बहुचर्चित राजपूत नेता आनंद मोहन पूरे कुनबे के साथ शनिवार की देर शाम नबीनगर पहुंचे। उन्होंने नबीनगर में लोगों से बात की। उसके परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में वह उनके साथ हैं। वे न्याय की लड़ाई लड़ेंगे। इसके बाद रविवार को आनंद मोहन ने औरंगाबाद में प्रेसवार्ता भी की।
प्रेस वार्ता में आनंद मोहन, शिवहर की उनकी नव निर्वाचित सांसद पत्नी व बेटी डॉ. आयुषी ने पुलिस की थ्योरी की धज्जियां उड़ा कर रख दी। डॉ. आयुषी ने पुलिस के पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका की उम्र 24 वर्ष बताई गई है जबकि सभी लोग जानते है कि उसकी उम्र 16 वर्ष है। उन्होंने कहा कि पुलिस की सुसाइड वाली थ्योरी पूरी तरह गलत है। लाश की जो तस्वीरें उन्होंने देखी हैं, उसमें एक आंख फूटी हुई है। होंठ गायब है। पुलिस यदि यह भी कहे कि आंख को पानी में मछलियां खा गई होगी तो भी यह बात हजम होने वाली नही है। क्योंकि मछलियां आंख खा सकती हैं लेकिन फोड़ नही सकती और ओठ को गायब नही कर सकती।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट संदिग्ध है लेकिन सुखद बात यह है के बेसरा प्रिजर्व करके रखा गया है, जिससे जांच में आगे सहायता मिल सकती है। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की सही तरीके से जांच कर सच्चाई को सामने लाए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए। वही शिवहर की नव निर्वाचित सांसद लवली आनंद ने कहा कि छात्रा की लाश तो मिली है लेकिन उसके बैग और जूते गायब हैं, जो संदेह को बल दे रहा है। पानी में डूबकर छात्रा के मरने की बात मनगढ़ंत कहानी है।
वह मानती हैं कि दो दिन पानी में रहने पर शव सड़-गल जाता है लेकिन एसिड अटैक की बात को यदि पुलिस खारिज कर रही है तो वह बताए कि पाए गए शव के बाल कहां हैं। इसे पुलिस को बताना चाहिए। मामले में पुलिस सही दिशा में जांच नही कर रही है और पुलिस को मामले की सच्चाई सामने लानी चाहिए। वही आनंद मोहन ने कहा कि मृतका के परिवार को यह आशंका है कि उसका विधिवत पोस्टमार्टम हुआ ही नही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट यदि विधिवत हुआ है तो पोस्टमार्टम के दौरान की सीसीटीवी फुटेज सामने लाया जाए ताकि यह पता चले कि सही में पोस्टमार्टम किस डॉक्टर ने किया है। या फिर किसी अन्य कर्मी ने पोस्टमार्टम किया है। पोस्टमार्टम को हल्के में लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट संदिग्ध है।
उन्होंने कहा था कि मामले में हमारे पुत्र चेतन आनंद ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर सिविल सर्जन से बात करनी चाही लेकिन बात नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पूरे मामले को लेकर मुख्यमंत्री से बात करने के लिए उनसे मिलने का समय मांगा है। सीएम से मिलकर वे पूरी बात रखेंगे और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की पहल करेंगे।