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अगस्त में ही होगी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा: हाईकोर्ट ने बहाली पर रोक लगाने से इनकार किया

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 04 Jul 2023 08:07:10 PM IST

अगस्त में ही होगी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा: हाईकोर्ट ने बहाली पर रोक लगाने से इनकार किया

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PATNA: बिहार में एक लाख 70 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति के लिए होने वाली परीक्षा अपने तय समय पर ही होगी. शिक्षक बहाली के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने परीक्षा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. हाइकोर्ट के इंकार के बाद अब ये साफ हो गया है कि बीपीएससी द्वारा एक लाख 70 हजार शिक्षकों की भर्ती के परीक्षा अपने नियत समय पर यानि अगस्त में ही होगी.


पटना हाईकोर्ट में मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन और जस्टिस पार्थ सारथी की बेंच में राज्य सरकार द्वारा बनायी गयी शिक्षक नियुक्ति नियमावली को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. इस मामले में सुबोध कुमार और दूसरे लोगों की ओर से दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने परीक्षा रोकने की मांग को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि वह किसी तरह का स्थगन आदेश नहीं देगी. कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई जारी रखेगी. अगली सुनवाई के लिए 26 अगस्त की तारीख तय की गयी है. 


कोर्ट में याचिका दायर करने वालों के वकील ने अपनी दलील देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षकों की बहाली की जो नयी प्रक्रिया शुरू की है वह समानता के सिद्धांत के खिलाफ है. इसलिए इसे तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश राज्य सरकार को दिया जाय. 


उन्होंने कोर्ट में कहा कि साल 2023 में राज्य सरकार ने नयी शिक्षक नियुक्ति नियमावली बनायी है. इसके तहत  2006 से 2023 तक बहाल शिक्षकों को परीक्षा में शामिल होना होगा. नयी नियमावली के मुताबिक बीपीएससी द्वारा ली जा रही परीक्षा में जो शिक्षक पास होंगे उन्हे सरकारी सेवक का दर्जा मिलेगा. लेकिन जो शिक्षक 2006 से कार्यरत है उन्हें सरकारी सेवक होने का लाभ नहीं मिलेगा.


वहीं, राज्य सरकार की ओर से दलील देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता को बुलाया गया था. उन्होंने दलील दी कि नई नियमावली पूरी तरह कानून सम्मत है और शिक्षकों के हित में है इसलिए इसमें कोर्ट को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है. हाईकोर्ट की बेंच ने राज्य सरकार की ओर से दी गई दलील को स्वीकारते हुए इस मामले में किसी भी तरह का स्थगन आदेश देने से इंकार कर दिया.